अक्टूबर के महीने में बारिश देवभूमि उत्तराखंड के लोगों पर सितम पर ढा रही है. नदियां और नाले उफान पर हैं, नदियों में पानी का वेग इतना अधिक कई पुल बह गए हैं, जिसकी वजह से यातायात पर असर पड़ा है. बारिश की वजह से चार धाम यात्रा पहले ही रोक दी गई है.
हालात की गंभीरता के समझते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने खुद सीएम पुष्कर सिंह धामी से बातचीत की. भूस्खलन की वजह से 5 लोगों की मौत हो गई. बारिश के साथ बर्फबारी से हालात और खराब हो गए हैं. नैनीताल समेत कई पर्यटन क्षेत्रों में टूरिस्ट फंसे हुए हैं.
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि रामनगर-रानीखेत मार्ग स्थित लेमन ट्री रिज़ॉर्ट (तस्वीरों में) में लगभग 100 लोग फंस गए थे. वे सभी सुरक्षित हैं और उन्हें बचाने की प्रक्रिया जारी है. नदी के ओवरफ्लो होने से कोसी नदी का पानी रिजॉर्ट में घुसा, रिजॉर्ट का रास्ता अवरूद्ध है. हल्द्वानी के करीब गौला नदी के बीचोबीच एक गजराज फंस गया. हाथी को रेस्क्यू करने के लिए तुरंत वन्य जीव विभाग की तरफ से ऑपरेशन चलाया गया.
नैनीताल एसएसपी प्रीति प्रियदर्शिनी का कहना है कि रामगढ़ गांव में बादल फटने की घटना सामने आई है. लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है. पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची. विवरण की प्रतीक्षा है. रामगढ़ गांव में जहां बादल फटा था वहां से कुछ घायलों को बचा लिया गया है, उनकी वास्तविक संख्या का अभी पता नहीं चल पाया है.
उत्तराखंड में गुजरात के तीर्थयात्रियों के संबंध में सीएम भूपेंद्र बघेल ने सीएम पुष्कर सिंह धामी से बातचीत की और उसके बाद गुजरात सरकार के आपातकालीन संचालन केंद्र के हेल्पलाइन नंबरों की घोषणा की गई है ताकि वहां फंसे गुजरात के तीर्थयात्रियों से संपर्क किया जा सके और अन्य जानकारी प्राप्त की जा सके जिसका हेल्पलाइन नंबर 079- 23251900 है.
मौसम विभाग ने उत्तराखंड में अगले 48 घंटे का अलर्ट जारी किया है. इसका अर्थ यह है कि बारिश से अभी वहां राहत नहीं मिलने वाली है.मा.प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी जी ने दूरभाष पर प्रदेश में दैवीय आपदा से हुए भारी नुकसान पर संवेदना प्रकट करते हुए राहत व बचाव कार्यों के विषय में जानकारी ली. प्रधानमंत्री के निर्देशन एवं केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य सरकार इस त्रासदी से निपटने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी.
नैनीताल को दूसरे राज्यों से जोड़ने वाले हल्द्वानी, कालाढुंगी और भवाली रोड भी जगह-जगह भूस्खलन होने से हैं. नैनीताल डीएम आवास भी भूस्खलन की चपेट में है. नैनी झील का पानी तल्लीताल में मॉल रोड और डॉठ सड़क पर आ गया है. जिससे लोवर मॉल रोड पर जल भराव हो गया है.
चंपावत में निर्माणाधीन पुल बहा
जंगलचट्टी में फंसे श्रद्धालु निकाले गए