अर्नब गोस्वामी ने मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें कोर्ट ने 2018 में आत्महत्या के मामले में गोस्वामी को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था.
गोस्वामी और दो अन्य पर कथित तौर पर 2018 में एक इंटीरियर डिजाइनर और उसकी मां को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक दिन पहले सोमवार को अर्नब गोस्वामी को अंतरिम जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि वो बेल के लिए निचली अदालत में जाएं.
बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को अर्नब गोस्वामी को करारा झटका देते हुए 2018 में इंटीरियर डिजाइनर को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में उनकी अंतरिम जमानत याचिका खारिज कर दी.
गोस्वामी को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में अलीबाग पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उनको मुंबई स्थित उनके घर से पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
उन्हें कोर्ट से 14 दिन की न्यायिक हिरासत दी गई थी. अपने फैसले में हाई कोर्ट ने कहा कि अर्नब अगर चाहें तो अगले चार दिनों में इस आदेश को चुनौती देते हुए सत्र न्यायालय में जा सकते हैं.
गोस्वामी को महाराष्ट्र पुलिस ने उसके आवास से चार नवंबर को गिरफ्तार किया था.
यह मामला 2018 का है, जिसमें एक इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक ने गोस्वामी की ओर से बकाया राशि नहीं दिए जाने पर उसने और उसकी मां ने आत्महत्या कर ली थी.
हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर आरोपी अपराध दंड संहिता की धारा 439 के तहत सत्र न्यायालय की शरण में जाता है तो इसे एक बाधा के रूप में नहीं लिया जाएगा.