राजनीतिक और सामरिक विषयों के जानकार कहते हैं कि दो शक्तिशाली देशों के बीच सामांजस्य बन पाना आसान काम नहीं होता है. उसके पीछे की वजह वो बताते हैं कि शक्तिशाली होने की वजह से विस्तारवाद की भावना पनपती है. अगर जानकारों की इस तरह की राय को चीन के संदर्भ में देखा जाए तो गलत ना होगा.
भारत, चीन के बीच सीमा विवाद ऐतिहासिक तौर पर कायम है. चीन की तरफ से गुस्ताखी भी की गई है. लेकिन इस दफा लद्दाख के पूर्वी सेक्टर में चीन की हरकत का जिस तरह से भारत ने जवाब दिया उसके बाद उसके रणनीतिकार भी भौचक्के रह गए. इन सबके बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन को चेताया कि अगर मंसूबे नापाक होंगे तो अंजाम अच्छा नहीं होगा.
लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गलवान का जिक्र किया और कहा कि भारतीय फौज ने बहादुरी का अप्रतिम उदाहरण पेश किया. जिस साहस और शौर्य का परिचय जवानों ने दिखाया वो सराहनीय है उसकी वजह से साहस और बढ़ा है.
केंद्रीय कमांड लखनऊ में अस्पताल के शिलान्यास के मौके पर उन्होंने कहा कि यह निर्माण संदेश दे रहा है कि अगर बीता वर्ष चुनौतियों से भरा हुआ था तो यह वर्ष समाधान का है. अगर पिछला साल निराशा से भरा हुआ था तो यह वर्ष उम्मीद का है.