कुमाऊं अल्‍मोड़ा

एरिया स्पेसिफिक उत्पादों को फोकस किया जाना चाहिए ताकि उन उत्पादों की मार्केट तैयार हो सके: सीएस ओम प्रकाश

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उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओमप्रकाश

देहरादून| सोमवार को मुख्य सचिव ओम प्रकाश की अध्यक्षता में सचिवालय में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना की राज्य स्तरीय अनुमोदन समिति की प्रथम बैठक संपन्न हुई.

बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि योजना के अन्तर्गत ऐसे उत्पादों को चुना जाए जिन उत्पादों की अपने जनपद में विशिष्टता हो.

उन्होंने कहा कि कुमायूं क्षेत्र मिल्क प्रोडक्ट्स में सरप्लस है, वहां मिल्क प्रोडक्ट्स को भी रखा जा सकता है। इस योजना के अन्तर्गत हिमालयन चीज को बढ़ावा दिया जा सकता है. मुख्य सचिव ने कहा कि एरिया स्पेसिफिक उत्पादों को फोकस किया जाना चाहिए ताकि उन उत्पादों की मार्केट तैयार हो सके. अल्मोड़ा की खुमानी अत्यधिक प्रसिद्ध है,

उसके अचार अथवा जैम को इसमें शामिल किया जा सकता है. उन्होंने एक जनपद एक उत्पाद योजना के तहत चमोली में ट्राउट मछली प्रसंस्करण को शामिल किए जाने पर भी जोर दिया. बैठक में बताया गया कि आत्म निर्भर भारत अभियान के अन्तर्गत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा केंद्र पोषित प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना में केंद्र एवं राज्य के मध्य 90ः10 के अनुपात में वित्तीय वहन किया जाएगा.

योजना के अन्तर्गत खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के असंगठित खण्ड में मौजूदा निजी सूक्ष्म उद्योग की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाना और क्षेत्र के फॉर्मलाइजेशन को प्रोत्साहन देना है. राज्य में कुल 1501 सूक्ष्म खाद्य उद्यमों का विकास 05 वर्ष (2020-21 से 2024-25) में किया जाना है.

उसके साथ ही, किसान उत्पादन संगठनों (एफ.पी.ओ.), स्वयं सहायता समूहों (एस.एच.जी) और उत्पादक सहकारिताओं को उनकी सम्पूर्ण मूल्य श्रृंखला के लिये सहायता देना भी इस योजना का लक्ष्य है.

योजनान्तर्गत तकनीकी ज्ञान, कौशल प्रशिक्षण तथा हैंड-होल्डिंग सहायता सेवाओं के माध्यम से उद्यमियों की क्षमता निर्माण करने के साथ ही प्रौद्योगिकी उन्नयन के लिये मौजूदा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमियों को ऋण दिलाना, सूक्ष्म उद्योगों को साझा सेवाओं का लाभ देने हेतु कृषक उत्पादक संगठनों (एफ.पी.ओ.), स्वयं सहायता समूहों (एस.एच.जी.), उत्पादक सहकारिताओं तथा सहकारी समितियों को उनकी सम्पूर्ण मूल्य श्रृंखला में सहायता करना, मौजूदा उद्यमों को विभिन्न सरकारी पंजीकरण हेतु औपचारिक फ्रेमवर्क की ओर ब्रांडिंग और विपणन को मजबूत करके संगठित आपूर्ति श्रृंखला तैयार करना इस योजना के मुख्य उद्देश्य हैं.

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