देश के कई बड़े शहरों में तेजी से बढ़ता जा रहा प्रदूषण! बेहद खराब स्तर पर AQI, दिल्ली, नोएडा-गुरुग्राम में बुरा हाल

देश के कई बड़े शहरों में प्रदूषण तेजी से बढ़ता जा रहा है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उससे सटे यूपी और हरियाणा के शहरों के अलावा पंजाब और महाराष्ट्र में एयर क्वालिटी लगातार कई दिनों से खराब दर्ज की जा रही है. इसी कड़ी में आज यानी कि 2 नवंबर को भी वायु गुणवत्ता में कोई सुधार होता हुआ नजर नहीं आ रहा है.

SAFAR-India के अनुसार नोएडा में एवरेज एयर क्वालिटी इंडेक्स 397 है, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है. SAFAR-India के अनुसार, दिल्ली में एवरेज एयर क्वालिटी इंडेक्स 343 है, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है. जबकि पंजाब के बठिंडा शहर में वायु गुणवत्ता में थोड़ी सुधार नजर आ रही है.

वहीं आनंद विहार पर 412, बवाना 397, द्वारका 378, एयरपोर्ट 335, आईटीओ 309, मुंडका 420, नरेला 396, पंजाबी बाग 417 और वजीरपुर में 383 एयर क्वालिटी दर्ज किया गया. बता दें कि दिल्ली में प्रदूषण को रोकने के लिए इस वक्त ग्रैप-2 लागू किया गया है. इससे पहले दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने राजधानी में वायु गुणवत्ता की गंभीर स्थिति पर जोर देते हुए एक नवंबर से अगले 15-20 दिनों को लेकर चिंता जताई थी.

समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-II) का आकलन करने के लिए विभिन्न सरकारी विभाग दिन में बाद में एक बैठक आयोजित करेंगे.

गुरुवार को दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में AQI स्तर: नोएडा नोएडा के सेक्टर 125 में, AQI 288 मापा गया, जो “खराब” श्रेणी में आता है. नोएडा के सेक्टर 62 में, AQI 342 दर्ज किया गया, जो “बहुत खराब” श्रेणी में आता है. नोएडा के सेक्टर 1 में, AQI 279 दर्ज किया गया, जो “खराब” श्रेणी में है. नोएडा में AQI 274 पर था, जो अभी भी “खराब” श्रेणी में है. वहीं हरियाणा के गुरुग्राम एनआईएसई ग्वाल पहाड़ी, गुरुग्राम में, AQI 310 तक पहुंच गया, इसे “बहुत खराब” के रूप में वर्गीकृत किया गया. सेक्टर 51, गुरुग्राम में, AQI को 173 पर मापा गया, जो “मध्यम” वायु गुणवत्ता को दर्शाता है. टेरी ग्राम, गुरुग्राम में, AQI 187 था, जो “मध्यम” श्रेणी में आता है.

वहीं मुंबई में बढ़ते प्रदूषण को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए कहा है कि शहर में वर्तमान में प्रचलित एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) के हानिकारक स्तरों के बारे में नागरिकों के बीच स्वास्थ्य सलाह या जागरूकता पैदा करने के लिए अधिकारियों द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया है. मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ ने मुंबई में वायु प्रदूषण पर स्वत: संज्ञान लेते हुए अपने आदेश में यह टिप्पणी की.

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