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पीएम मोदी के जनसेवा में 20 साल पर अमित शाह बोले, जोखिम लेकर फैसले करते हैं मोदी

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अमित शाह और पीएम मोदी

पीएम मोदी के केंद्र व राज्य सरकार के प्रमुख के रूप में 20 वर्ष पूर्ण करने पर केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी जी के सार्वजनिक जीवन के 3 हिस्से किए जा सकते हैं.

एक भाजपा में आने के बाद पहला कालखंड संगठनात्मक काम का था. दूसरा कालखंड उनके गुजरात के मुख्यमंत्रित्व काल का था और तीसरा राष्ट्रीय राजनीति में आकर वो प्रधानमंत्री बनें. ये तीनों कालखंड बेहद चुनौतीपूर्ण रहे. जैसे जब उनको भाजपा में भेजा गया, वो संगठन मंत्री बनें तो उस समय भाजपा की स्थिति सही नहीं थी.

शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने बहुत धैर्य के साथ प्रशासन की बारीकियों को समझा, विशेषज्ञों को प्रशासन के साथ जोड़ा और सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाया.

जब देश में भाजपा की 2 सीटें आई, तब मोदी जी भाजपा गुजरात के संगठन मंत्री बनें और 1987 से उन्होंने संगठन को संभाला. उनके आने के बाद सबसे पहला चुनाव अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन का हुआ और पहली बार वहां भाजपा अपने बूते पर सत्ता में आई.

मोदी जी ने पहली बार 2003 के बजट में सारी बिखरी हुई योजनाओं को जोड़ा और संविधान के अनुसार उनकी जनसंख्या के हिसाब से उनको अधिकार दिए. यूपीए की सरकार में हर क्षेत्र में देश नीचे की ओर जा रहा था, दुनिया में देश का कोई सम्मान नहीं था, नीतिगत फैसले महीनों तक सरकार की आंतरिक कलह में उलझते रहते थे, एक मंत्री महोदय तो 5 साल तक कैबिनेट में नहीं आए. ऐसे माहौल में मोदी जी ने देश के प्रधानमंत्री का पद संभाला, आज सारी व्यवस्थाएं अपनी जगह पर सही हो रही हैं.

मोदी जी जोखिम लेकर फैसले करते हैं ये बात सही है. हमारा लक्ष्य देश में परिवर्तन लाना है. 130 करोड़ की आबादी वाले विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को दुनिया में एक सम्मानजनक स्थान पर पहुंचाना है. तीन तलाक पर कानून, वन रैंक-वन पेंशन लागू करने की कोई हिम्मत नहीं करता था, सर्जिकल व एयर स्ट्राइक पर सब चुप थे, धारा 370 को हटाने की कोई हिम्मत नहीं करता था, विभिन्न आर्थिक सुधार जैसे फैसले मजबूत इच्छा शक्ति वाला प्रधानमंत्री ही कर सकता है.

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