संसद परिसर से एक ऐसी तस्वीर सामने आई जो सुखद थी. राजनीतिक तौर पर एक दूसरे के धूरविरोधी रहे अमित शाह और पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम की मुलाकात हो गई. दोनों ने एक दूसरे से कन्नी नहीं काटी बल्कि एक दूसरे को अभिवादन किया. यह दृश्य वाकई हैरत में डालने वाला था.
एनडीए पार्ट वन में आपने देखा होगा कि जब पी चिदंबरम की गिरफ्तारी हुई तो सियासी तौर पर माहौल कितना खराब हो गया था. कांग्रेस के नेताओं ने कहा था कि यह तो लोकतंत्र पर सीधे तौर पर हमला है. सरकार के विरोध का मतलब हो गया है कि मोदी और शाह की सरकार व्यक्तिगत रंजिश निकाल रही है.
संवैधानिक संस्थानों का खुला दुरुपयोग किया जा रहा है. यह एक तरह से संवैधानिक व्यवस्था का क्षरण है. बीजेपी जिस तरह से अपने राजनीतिक एजेंडे को उतारने के लिए ईडी,सीबीआई और दूसरी एजेंसियों का बेजा इस्तेमाल कर रही है वो आगे की राह को और मुश्किल करने वाली होगी. लेकिन कांग्रेस का इतिहास संघर्षों का रहा है और हम अपनी लड़ाई को जारी रखेंगे.