ब्रसेल्स|…. दक्षिण अफ्रीका में सामने आए कोरोना वायरस के नए वैरिएंट को लेकर दुनियाभर में व्याप्त चिंताओं के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के देशों को आगाह किया है.
डब्लूएचओ ने कोरोना वायरस के इस नए वैरिएंट को बेहद तेजी से फैलने वाला चिंताजनक प्रकार करार दिया है और ग्रीक वर्णमाला के तहत इसे ओमीक्रॉन नाम दिया है.
कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट को भी डब्ल्यूएचओ ने ‘चिंतानजनक स्वरूप’ करार दिया था, जिसने भारत सहित दुनिया के कई देशों में चंद महीनों पहले व्यापक तबाही मचाई. डब्लूएचओ ने अब कोरोना वायरस के नए वैरिएंट को ‘चिंताजनक’ करार दिया है.
साथ ही इसे बेहद तेजी से फैलने वाला भी बताया है. डब्लूएचओ ने शनिवार को इसे लेकर दुनिया के देशों को आगाह किया तो दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के देशों से इसे लेकर निगरानी बढ़ाने, सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने और वैक्सीनेशन का कवरेज बढ़ाने की अपील की है.
कोरोना वायरस के इस नए वैरिएंट की सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में 24 नवंबर को पहचान की गई थी, जिसके बाद देखते ही देखते यह बोत्सवाना, मालावी सहित आसपास के कई अफ्रीकी देशों में फैल गया. यहां से अन्य देशों में जाने वाले यात्रियों में भी इसके मामले पाए गए हैं. इजरायल के साथ-साथ हॉन्गकॉन्ग में भी कोविड के इस नए वैरिएंट के मामले सामने आए हैं, जिसने कई तरह की चिंताओं को जन्म दिया है.
चूंकि इसका संक्रमण कई ऐसे लोगों में भी पाया गया है, जिन्होंने वैक्सीन की पूरी डोज ली हुई थी, ऐसे में इसे लेकर भी आशंका जताई जा रही है कि क्या टीकाकरण इस पर बेअसर साबित हो रहे हैं. हालांकि WHO सहित तमाम स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने टीकाकरण अभियान जारी रखने तथा संक्रमण से बचाव के लिए अन्य एहतियातों का पालन किए जाने पर जोर दिया है.
कोरोना वायरस के इस नए वैरिएंट को लेकर वैश्विक चिंताओं के बीच विश्व व्यापार संगठन ने 30 नवंबर से जिनेवा में होने वाली 12वीं मंत्रिस्तरीय बैठक अनिश्चितकाल के लिए टाल दी है, जबकि बैठक की नई तारीखों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है.
यह फैसला कोविड के इस नए वैरिएंट की वजह से कई देशों में लगाए गए यात्रा प्रतिबंध के मद्देनजर लिया गया है. यह दूसरा मौका है, जब कोरोना महामारी की वजह से डब्लूटीओ के 12वीं मंत्रिस्तरीय बैठक को टाला गया है. इससे पहले यह बैठक जून, 2020 में कजाखस्तान के नूर-सुल्तान में होनी थी, लेकिन कोविड महामारी के कारण इसे टाल दिया गया था.
यहां उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के इस वैरिएंट को लेकर वैश्विक चिंताओं के बीच अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, रूस सहित कई देशों ने अफ्रीका से आने वाली उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है. यूरोपीय संघ ने भी अफ्रीकी मुल्कों से आने वाली फ्लाइट्स बैन की है.