लद्दाख में चीनी सेना लगातार एलएसी पर आक्रमक रूख बनाए हुए है. शांति के तमाम वादों के बावजूद चीन पीछे हटने को तैयार नहीं है.
अब वह बड़ी मात्रा में विवादित स्थल पर सैनिकों और सैन्य शस्त्रों का जमावड़ा बढ़ा रहा है. चीन के आक्रमक रूख को देखते हुए भारतीय सेना की तैयारियां भी जोरों पर हैं. चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सेना और वायुसेना संयुक्त तौर पर अभ्यास कर रही हैं.
रक्षा कर्मचारियों के प्रमुख के पद के सृजन के दस महीने बाद दोनों सेनाएं पूर्वी लद्दाख सेक्टर के सामने चीनी सेना के खिलाफ संयुक्त रूप से युद्ध लड़ने की तैयारी कर रही हैं.
इस अभ्यास में लेह के हवाई क्षेत्र में C-17s, Ilyushin-76s और C-130J सुपर हरक्यूलिस विमान देख सकते हैं.
युद्ध के दौरान भारतीय सेना को राशन और अन्य सामानों की आपूर्ति सही तरीके से हो सके इसके लिए भी निर्देश दिए गए हैं.
लद्दाख क्षेत्र में तैनात एक वरिष्ठ वायु सेना कमांडर ने कहा, “वायुसेना के मुख्यालय के ऊपर से निर्देश दिए गए हैं कि सीमा पर तैनात सेना और अन्य सुरक्षा बलों की जो भी आवश्यकताएं हैं, उन्हें पूरा किया जाना चाहिए.