वॉशिंगटन| कोरोना वायरस से जूझ रही दुनिया के लिए एक अच्छी खबर है. अमेरिकी वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बाद मानव कोशिकाएं कैसी दिखती हैं, इसकी तस्वीर जारी की है.
कोरोना वायरस को लैब में विकसित की गई सांस नली की कोशिकाओं में संक्रमित कराया गया था. इसके बाद वैज्ञानिकों ने यह पता लगाया कि फेफड़े के अंदर हर कोशिका में कितने वायरस पार्टिकल पैदा हुए.
अमेरिका की कैमिली एहरे सहित यूनिवर्सिटी ऑफ नार्थ कैरोलिना चिल्ड्रेन रिसर्च इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं के मुताबिक सांस की नली में कोरोना का संक्रमण कैसे बढ़ता है, इन चित्रों के जरिए आसानी से समझा जा सकता है.
तस्वीरों में सांस की नली में बड़ी संख्या में वायरस कण दिखाई पड़ते हैं, जो ऊतकों और अन्य लोगों में संक्रमण फैलाने को तैयार हैं.
ये तस्वीरें शोध जर्नल न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित हुई हैं. शोध के तहत विज्ञानियों ने इंसान की ब्रॉन्कियल एपीथीलियल कोशिकाओं में कोरोना को इंजेक्ट करने के बाद 96 घंटों तक उस पर नजर रखी और फिर इसे इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप से देखा गया.
तस्वीरों में रंगों को शामिल करके वायरस की सही तस्वीर दिखाने की कोशिश की गई. तस्वीर में नीले रंग में दिखने वाली बालों के आकार वाली लंबी संरचनाओं को सीलिया कहते हैं. इसके माध्यम से ही फेफड़ों से म्यूकस को बाहर निकाला जाता है.
शोधकर्ताओं के मुताबिक ऐसी तस्वीरों से वायरल लोड को समझने में आसानी होगी. साथ ही अलग-अलग जगहों पर वायरस संक्रमण कैसे और कितना होता है, यह समझा जा सकता है.
उन्होंने कहा कि बड़ी मात्रा में वायरल लोड से वायरस के कई अंगों में फैलने का खतरा रहता है. वैज्ञानिकों ने कहा कि इन तस्वीरों से इस आधार को बल मिलता है कि मास्क कैसे गैर संक्रमित व्यक्ति को कोरोना से बचाव में मदद करता है.