शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान एक लंबा समय जेल में बिताने के बाद जेल से रिहा हो गए. जेल से लौटने के बाद रामपुर पहुंचे आजम ने विरोधियों पर निशाना साधा.
धोखाधड़ी के एक कथित मामले में जमानत मिलने के बाद रामपुर पहुंचे आजम खान ने कहा कि वह इस पर विचार करेंगे कि आखिर वह नफरत का ऐसा पात्र क्यों बन गए. यह पूछे जाने पर कि उनकी पार्टी ने उनके लिए कोई चिंता क्यों नहीं जताई? इसका जवाब देते हुए सपा नेता ने कहा कि वह लंबे समय से जेल में हैं, इसलिए उन्हें नहीं पता कि सपा के बाहर क्या हुआ, कुछ मजबूरियां होंगी.
आजम खान ने कहा, ‘मैं लंबे समय से जेल में था, पता नहीं राजनीतिक रूप से क्या हुआ. कुछ मजबूरियां रही होंगी (सपा की). मुझे कोई शिकायत नहीं है लेकिन अफसोस है कि कोई बदलाव नहीं आया. मैं पता करूंगा कि आखिर मेरी वफादारी, कड़ी मेहनत और ईमानदारी में कहां चूक हो गई कि मैं नफरत का ऐसा पात्र बन गया’ आजम खान ने कहा कि मुसलमानों को जो भी सजा मिल रही है, वो उनके राइट ऑफ वोट की वजह से मिल रही है और सभी राजनैतिक दल ये समझते हैं कि मुसलमान सियासी दलों के राजनीतिक समीकरण खराब कर देते हैं.
आजम खान ने कहा, ‘मैं उन सभी का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने मेरे लिए प्रार्थना की और सहानुभूति जताई, चाहे वह सपा, बसपा, कांग्रेस, टीएमसी, या यहां तक कि भाजपा हो, सभी दलों को कमजोर लोगों के बारे में सोचने की जरूरत है.’
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को धोखाधड़ी के एक कथित मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंतरिम जमानत दिए जाने के एक दिन बाद शुक्रवार को सीतापुर जिला जेल से रिहा कर दिया गया. उन्हें रामपुर थाने में दर्ज धोखाधड़ी के एक मामले में जमानत मिल गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा उनकी (खान की) जमानत याचिका पर फैसले की घोषणा में लंबे समय तक देरी पर नाराजगी व्यक्त की थी और इसे ‘न्याय का उपहास’ कहा था. आजम खान फरवरी 2020 से सीतापुर जेल में बंद थे क्योंकि उनके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं.