नई दिल्ली| दिल्ली पुलिस ने पटाखों की बिक्री के लिए जारी किए गए सभी लाइसेंस को निलंबित कर दिया है. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के निर्देशों पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए पटाखों पर बैन को लेकर गुरुवार को एनजीटी में सुनवाई हुई थी. दिल्ली सरकार ने पहली ही सभी प्रकार के पटाखा खरीदने और बेचने पर रोक लगा रखी है.
कोर्ट में सुनवाई के दौरान पटाखा कंपनियों की एसोसिएशन ने कहा था कि पटाखा कंपनियों से 10 हजार लोग जुड़े हुए हैं. बैन लगने से यह सब बेरोजगार हो जाएंगे.
इस पर एनजीटी ने कहा कि हम जीवन का जश्न मना सकते हैं मौत का नहीं. इसके कुछ देर बात ही दिल्ली सरकार ने दिल्ली में किसी भी तरह के पटाखे खरीदने-बेचने और चलाने पर पूरी तरह से बैन लगा दिया था.
देश की कई राज्य सरकारों ने पहले ही पटाखों पर बैन लगा चुकी है. वहीं दिल्ली में पटाखों के थोक कारोबार करने वाले दुकानदारों का कहना है कि इस कंप्लीट बैन से पहले दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखे खरीदने-बेचने और चलाने की छूट थी.
हम कोरोना-लॉकडाउन के चलते बीते 6 महीने से घरों में बैठे हुए हैं. ढेले भर की भी कमाई नहीं हुई. दीवाली पर चार पैसे कमा लेंगे, यही सोचकर हमने लाखों रुपये ग्रीन पटाखों पर लगा दिए.
हर दुकान में 5 से 10 लाख रुपये के ग्रीन पटाखे भरे हैं. अभी बामुश्किल 15 से 20 फीसदी ही पटाखे बिके हैं. बिक्री का वक्त आने ही वाला था कि दिल्ली सरकार ने पटाखों पर बैन लगा दिया.
गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस ने पटाखों की अवैध बिक्री के खिलाफ कार्रवाई करते हुए रविवार को सात लोगों को गिरफ्तार कर बिना लाइसेंस बेचे जा रहे 600 किलोग्राम से अधिक पटाखे जब्त किए हैं. दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी.
दिल्ली सरकार ने कोविड-19 की स्थिति और चिकित्सीय कारणों से बीते गुरुवार को हरित पटाखों सहित सभी प्रकार के पटाखों पर 30 नवंबर तक के लिए प्रतिबंध लगा दिया है.
सरकार ने त्योहारों और प्रदूषण को शहर में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के लिए जिम्मेदार बताया है.