यूपी विधानसभा चुनाव से पहले शब्दों के जरिए राजनीतिक दल एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. अब्बाजान, चचाजान के बाद अब एक शख्स ने खुद को अब्बा बता डाला और उस शख्स का नाम है असदुद्दीन ओवैसी.
संभल में लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि लोग उन्हें चचाजान बुला रहे हैं, वो गरीबों, कमजोरों और सताए हुए लोगों के पिता हैं. वो उन महिलाओं के भाई हैं, जो मुश्किल में या परेशानी में हैं. यदि कमजोर लोगों की मदद करना उन्हें अब्बा बनाता है तो मैं उनका अब्बा हूं.
ओवैसी ने कहा कि देश के सबसे बड़े मुल्कों में से एक यूपी को प्रगति की जो गाथा लिखनी चाहिए थी उसमें यह सूबा पिछड़ गया. पिछले 70 वर्षों में अलग अलग दलों की सरकारें रहीं.
लेकिन हर किसी ने जनता को छलने का काम किया है. आज जब वो और उनका दल यूपी की जनता के बीच जा रहे हैं तो उन लोगों को अच्छा नहीं लग रहा है जो यहां के मतदाताओं को अपनी जेब का हिस्सा मानते रहे हैं.
एआईएमआईएम मुखिया ने कहा कि आज यूपी के कुछ राजनीतिक दल उनकी भूमिका पर सवाल उठाते हैं, तरह तरह की बातें करते हैं. दरअसल उन्हें अहसास हो चुका है कि अब उनकी जमीन खिसकने वाली है, लिहाजा वो इस तरह की बातें करते हैं.
यूपी की जनता की भलाई के लिए उनकी पार्टी चुनावी मैदान में उतरेगी. जहां तक बीएसपी और एसपी की बात है अल्पसंख्यकों के लिए उनका रवैया दोहरा रहा है. वो तो मांग करते हैं ये दोनों दल किसी मुसलमान को डिप्टी सीएम बनाएं तो उनका खुला समर्थन होगा. लेकिन सच तो यह है कि ये दोनों दल सिर्फ अपने स्वार्थ की राजनीति करते हैं.