हैदराबाद| अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद वहां के माहौल को लेकर दुनियाभर में चिंता की स्थिति बनी हुई है. खास तौर पर महिलाओं की शिक्षा, कामकाज और कई अन्य बातों को लेकर चिंता बनी हुई है. बड़ी संख्या में लोग देश से पलायन कर रहे हैं.
जिसे जहां मौका मिल रहा है, वे अपनी ही जमीन से दूर होने के रास्ते तलाश रहे हैं, क्योंकि मुल्क में अब तालिबान की हुकूमत है. अफगानिस्तान के हालात को लेकर भारत ने भी चिंता जताई है, जिस पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार को नसीहत दी है.
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को अफगानिस्तान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि पहले अपने देश के हालात पर ध्यान केंद्रित करें.
एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘भारत में हर नौ में से एक बच्ची 5 साल की उम्र से पहले ही मौत के मुंह में समा जाती है. महिलाओं के खिलाफ अपराध और अत्याचार हो रहे हैं. लेकिन उनकी (केंद्र) दिलचस्पी इसमें है कि अफगानिस्तान में महिलाओं के साथ क्या हो रहा है. क्या ये सब यहां नहीं हो रहा?’
एआईएमआईएम प्रमुख का यह बयान केंद्र सरकार के उस रुख के बाद आया है, जिसमें अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे न सिर्फ भारतीय नागरिकों को वहां से सुरक्षित निकालने पर ध्यान दें, बल्कि उन सिख और हिंदू अल्पसंख्यकों को भी हर संभव मदद मुहैया कराएं, जो तालिबान द्वारा अफगानिस्तान को ‘इस्लामिक अमीरात’ घोषित किए जाने के बाद वहां से निकलना चाहते हैं और भारत आना चाहते हैं.
ओवैसी ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में कहा, ‘अफगानिस्तान की सत्ता में आने का सबसे बड़ा फायदा पाकिस्तान को हुआ है. जानकार बता रहे हैं कि अलकायदा और ‘दाएश’ अफगानिस्तान के कई इलाकों में पहुंच चुके हैं. आईएसआई भारत का शत्रु है. आपको याद रखना चाहिए कि तालिबान को आईएसआई कंट्रोल करता है और इसे कठपुतली की तरह इस्तेमाल करता है.’