अदालत के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे का काम शुरू हो चुका है. सर्वे के पहले दिन दो बड़े बयान आए. हिंदू पक्ष के वकील का कहना है कि कल्पना से ज्यादा है, यानी कि सर्वे में जो कुछ मिला है वो सोच से अधिक है तो दूसरी तरफ एआईएमआईएम मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हम दूसरी मस्जिद नहीं खोने देंगे.
हम बाबरी मस्जिद पहले ही खो चुके हैं. सभी पार्टियां मुस्लिमों को डराने में लगी हैं. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी दोनों चुप हैं. उन्होंने कहा कि देश में जिस तरह से नफरत का माहौल बनाया गया है उसकी वजह से आने वाले समय में सौहार्द को गंभीर खतरा पैदा होने वाला है.
वोट बैंक की राजनीति के लिए एक वर्ग मुस्लिम समाज को डरा रहा है तो दूसरे धड़े जो अल्पसंख्यकों के दम पर सरकार में आने का सपना देखते हैं उनकी चुप्पी हैरान करने वाली है.
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में प्रवेश करने से पहले हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने कहा कि अधिवक्ता आयुक्त अजय मिश्रा ने सर्वे टीम के सभी सदस्यों को सुबह 7.30 बजे विश्वनाथ मंदिर परिसर के गेट नंबर-4 पर हाजिर होने का निर्देश दिया था.
अधिकारियों के अनुसार, परिसर की वीडियोग्राफी के लिए विशेष लाइट और कैमरे की व्यवस्था की गई है. ज्ञानवापी मस्जिद प्रतिष्ठित काशी विश्वनाथ धाम के करीब स्थित है और स्थानीय अदालत महिलाओं के एक समूह द्वारा इसकी बाहरी दीवारों पर मूर्तियों के सामने दैनिक प्रार्थना की अनुमति मांगने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई कर रही है.
जिलाधिकारी शर्मा ने इससे पहले कहा था कि शुक्रवार को सभी संबंधित पक्षों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी, जिसमें उनसे अदालत द्वारा गठित आयोग के काम में अवरोध उत्पन्न न करने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग देने की अपील की गई थी.