अमेरिका के अफगानिस्तान से जाने के बाद भारत ने तालिबान के साथ औपचारिक बातचीत शुरू कर दी है. इसे लेकर विदेश मंत्रालय की तरफ से विज्ञप्ति भी जारी की गई थी.
अब एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने तालिबान से बातचीत को लेकर केंद्र सरकार को अपना स्टैंड साफ करने को कहा है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार तालिबान के साथ दबा-छिपा संबंध क्यों रख रही है?
पत्रकारों से बातचीत के दौरान ओवैसी ने कहा- ‘ये सरकार शरमा क्यों रही है? पास आते भी नहीं, चिलमन से हटते भी नहीं. पर्दे से झांक-झांक कर क्यों मोहब्बत कर रहे हैं. अरे खुलकर बोलिए. ये नेशनल सिक्योरिटी का मसला है. देश के मामले में सरकार को जवाब देना पड़ेगा.’
जब उनसे पूछा गया कि पाकिस्तान ने माना है कि तालिबान को मदद कर रहा है तो ओवैसी ने कहा- ‘हम उनको अपनी जमीन पर बुलाकर चाय पिलाते हैं, बिस्किट खिलाते हैं, कबाब खिलाते हैं.
अगर पाकिस्तान अपना संबंध तालिबान के साथ स्वीकार कर रहा है तो आप उसे अपनी जमीन पर बुलाकर चाय पिलाएंगे? तालिबान और पाकिस्तान का तो ऐसा रिश्ता है जो कभी खत्म नहीं होगा. लेकिन हमें अपना स्टैंड साफ करना होगा.’
यहां उल्लेखनीय है कि कतर में भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने मंगलवार को दोहा में तालिबान के नेताओं से मुलाकात की थी. भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया गया था कि यह मुलाकात तालिबान के अनुरोध पर दोहा स्थित भारतीय दूतावास में हुई, जिसमें भारतीय राजदूत ने दोहा स्थित तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई से मुलाकात की. इसमें सुरक्षा और अफगानिस्तान में फंसे भारतीय नागरिकों की वापसी को लेकर चर्चा की गई.
इस दौरान भारतीय पक्ष ने तालिबान को अपनी चिंताओं से भी अवगत कराया और जोर देकर कहा कि अफगानिस्तान की भूमि का इस्तेमाल भारत विरोधी आतंकी गतिविधियों और आतंकवाद के लिए नहीं होना चाहिए. तालिबान के प्रतिनिधि ने भारत को आश्वस्त किया कि उसकी चिंताओं पर ध्यान दिया जाएगा.
दोहा में हुई उसी मुलाकात को लेकर ओवैसी सहित कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने सरकार से सवाल किया है.