कोविड-19 वैक्सीन ट्रायल के दौरान कोरोना का टीका लेने के 15 दिन बाद ही हरियाणा के गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने से सभी लोग हैरान हैं.
साथ ही वैक्सीन के असर को लेकर तमाम तरह के सवाल भी उठा रहे हैं. हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अनिल विज कोरोना पॉजिटिव हो सकते हैं और इसके लिए वैक्सीन पर सवाल उठाना सही नही है.
एम्स के पूर्व निदेशक एमसी मिश्र का कहना है कि अनिल विज ने 20 नवंबर को वैक्सीन के ट्रायल के दौरान वैक्सीन ली थी और अब वह कोविड पॉजिटिव हैं. इसके पीछे दो वजह हो सकती हैं.
पहली ये कि किसी भी वैक्सीन के ट्रायल के दौरान कुछ लोगों को प्लासीबो (दवा के भ्रम में कोई सामान्य् पदार्थ) दिया जाता है और कुछ को वैक्सीन की डोज दी जाती है. यह बताया भी नहीं जाता. सिर्फ डेटा में लिखा जाता है.
एमसी मिश्र कहते हैं कि ये हो सकता है कि अनिल विज को प्लासीबो दिया गया हो न कि वास्तविक वैक्सीन. ऐसे में उनका पॉजिटिव होना लाजमी है. दूसरी वजह ये हो सकती है कि अनिल विज को वास्तविक दवा की ही डोज दी गई हो लेकिन कोई भी वैक्सीन कारगर होने के लिए 28 दिन का समय लेती है.
28 दिन के दौरान शरीर में एंटीबॉडीज बनती हैं. ऐसे में अनिल विज को वैक्सीन लिए हुए अभी 15 दिन ही हुए हैं. इस दौरान उनके शरीर में अभी एंटीबॉडीज नहीं बनी हैं और वे संक्रमण की चपेट में आ गए हैं.
मिश्र कहते हैं कि 15 दिन में कोई भी वैक्सीन कारगर नहीं होती. ऐसे में अभी वैक्सीन पर सवाल उठाना सही नहीं है. ऐसा होना बहुत हद तक संभव है और इससे किसी भी वैक्सीन की क्षमता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता. भारत बायोटेक वाले इस संबंध में अपना डेटा देखेंगे और विज को लेकर जानकारी दे देंगे.
बता दें कि आज ही कोविड 19 की वैक्सीन के आने की चर्चा के बीच में एक चिंताजनक खबर सामने आई है. हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इसकी जानकारी उन्होंने आज ट्वीट कर दी.
खास बात यह है कि अनिल विज ने 20 नवंबर को ही भारत बायोटेक की ओर से बनाई गई कोरोना वैक्सीन के ट्रायल के दौरान ही वैक्सीन की डोज ली थी.