कोरोना वायरस का कहर देश में काफी फैल गया है. कोविड 19 के नए मामले हर दिन रिकॉर्ड बना रहे हैं. आज 2 लाख 34 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं, जबकि 24 घंटों में 1341 मौतें दर्ज की गई हैं.
एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया है कि आखिर कहां चूक हुई जिससे कोरोना के मामले इस तेजी से बढ़ने लगे. उन्होंने कहा, ‘कोविड के मामलों में वृद्धि के कई कारण हैं.
लेकिन 2 मुख्य कारण हैं- जब जनवरी/फरवरी में टीकाकरण शुरू हुआ और मामलों में कमी आई तो लोगों ने कोविड को लेकर उचित व्यवहार का पालन करना बंद कर दिया और इस समय वायरस म्यूटेट हो गया और यह अधिक तेजी से फैल गया.’
उन्होंने कहा, ‘हम हेल्थकेयर सिस्टम में भारी गिरावट देख रहे हैं. हमें मामलों की बढ़ती संख्या के लिए अस्पतालों में बेड्स/संसाधनों को बढ़ाना होगा. हमें तत्काल कोविड 19 मामलों की संख्या को कम करना होगा.
यह एक ऐसा समय है जब हमारे देश में बहुत सारी धार्मिक गतिविधियां होती हैं और चुनाव भी चल रहे हैं. हमें समझना चाहिए कि जीवन भी महत्वपूर्ण है. हम इसे प्रतिबंधित तरीके से कर सकते हैं ताकि धार्मिक भावना आहत न हो और कोविड के उचित व्यवहार का पालन किया जा सके.
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि हमें याद रखना होगा कि कोई भी टीका 100% प्रभावी नहीं है. आपको संक्रमण हो सकता है लेकिन हमारे शरीर में एंटीबॉडी वायरस को बढ़ने नहीं देंगे और आपको गंभीर बीमारी नहीं होगी.
भारत में सभी उत्परिवर्ती (म्यूटेंट) कोविड-19 वेरिएंट में डबल उत्परिवर्तित वायरस बी.1.617 सबसे अधिक प्रचलित हो रहा है.
वैश्विक डेटाबेस में भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा प्रस्तुत जीनोम अनुक्रमण डेटा में यह बात सामने आई है. डेटाबेस से पता चला है कि डबल म्यूटेशन वायरस, जो कई देशों में पाया गया है, वह 2 अप्रैल से पहले 60 दिनों के दौरान 24 प्रतिशत नमूनों में सबसे आम पाया गया है.
ई1.617 वैरिएंट पहली बार महाराष्ट्र में सामने आया था और इसमें दो अलग-अलग वायरस वेरिएंट – ई484क्यू और एल452आर के म्यूटेशन हैं. स्क्रिप्स रिसर्च के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए आकलन के अनुसार, 13 प्रतिशत नमूनों के साथ ब्रिटेन वेरिएंट इ.1.1.7 दूसरा सबसे प्रचलित वेरिएंट है.