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भारत-अमेरिका के बाद ईरान की पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक, जानिए कारण

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आतंकियों के पनाहगार पड़ोसी देश पाकिस्तान की हालत किसी से छिपी नहीं है. आपको याद होगा कि कैसे 2 मई 2011 को अमेरिकी सैनिक एक स्पेशल ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान के ऐबटाबाद शहर में दाखिल हुए और अल कायदा के सरगना के ओसामा बिन लादेन को मारकर साथ ले गए.

इसी तरह 28-29 सितंबर, 2016 की वह रात को शायद पाकिस्तान कभी नहीं भूल पाएगा जब भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में घुसकर आतंकी शिविरों पर सर्जिकल स्ट्राइक कर कई आतंकी मार गिराए थे. और अब ईरान ने पाकिस्तान में घुसकर अपने सैनिकों को रिहा करवा लिया है.

खबर के मुताबिक ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड (IRGC) ने एक खुफिया ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान में घुसकर अपने सैनिकों को रिहा करा लिया है. दक्षिण-पूर्व ईरान में IRGC ग्राउंड फोर्स के क्वाड्स बेस ने एक बयान जारी करते हुए कहा है, ‘दो-ढाई साल पहले जैश उल-अदल संगठन द्वारा बंधक बनाए गए अपने 2 बॉर्डर गार्ड को छुड़ाने के लिए मंगलवार रात को एक सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया गया.’ हालांकि पाकिस्तान की इस ऑपरेशन को लेकर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह ऑपरेशन बलूचिस्तान प्रांत में किया. ईरान की खुफिया एजेंसी को पहले से पता था कि उसके सैनिक कहां पर रखे गए हैं. बड़े ही गोपनीय तरीके से इस सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया गया और ईरानी सैनिक आतंकी कब्जे से अपने दो सैनिकों को छुड़ा ले गए. खबरों की मानें तो इस दौरान कुछ आतंकवादी भी मारे गए हैं.

फ़ार्स न्यूज़ के अनुसार, एक खुफिया ऑपरेशन को अंजाम देते हुए ईरान ने मंगलवार रात को अपने दो सीमा रक्षकों (बॉर्डर गार्ड्स) को मुक्त कर लिया. इन गार्डस का जैश उल-अदल नाम के आतंकवादी संगठन ने दो साल पहले अपहरण कर लिया था. कुछ दिन पहले, ईरान ने जावीद देहघन नाम के एक शख्स की हत्या कर दी थी जो पाकिस्तान स्थित आतंकी सगंठन का सरगना था. ईरान अक्सर आरोप लगाता रहा है कि पाकिस्तान उन आतंकवादियों को शरण देने का प्रयास करता है जो ईरान पर सीमा पार से हमले करते हैं.

जैश उल-अदल ने ईरान पर कई क्रॉस-बॉर्डर हमले किए थे, जिसमें 2019 का वो आत्मघाती हमला भी शामिल था, जिसमें ईरान के दक्षिण-पूर्व प्रांत में खाश-ज़ाहेदान मार्ग पर 27 सैनिक मारे गए थे. खज़-ज़हदान हमला, संयोग से पुलवामा हमले से एक दिन पहले हुआ था जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे. जवाब में, ईरान के कमांडर मेजर जनरल मोहम्मद अली जाफरी ने कहा था कि अगर पाकिस्तान सरकार ने हमले के लिए जैश उल-अदल को दंडित नहीं किया, तो ईरान जवाबी कार्रवाई करेगा.

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