दो साल बाद इस बार कैंची धाम का 58वां स्थापना दिवस कल 15 जून को धूमधाम से मनाया जाएगा. भंडारे और मेले के लिए पुलिस प्रशासन सहित मंदिर समिति ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. पहली बार गैस के भट्ठों पर मालपुओं का प्रसाद बनाया जाएगा. मंदिर में करीब 8 से 10 छोटे-बड़े गैस के भट्ठे लगाए गए हैं. अब तक यहां लकड़ी के चूल्हों पर मालपुआ बनाए जाते थे.
मंदिर में रविवार से मालपुआ बनाने का काम शुरू हो गया है. 15 जून को कैंची धाम में नीब करौली बाबा के मेले में मालपुआ का प्रसाद बांटा जाता है. शुद्ध देशी घी से बने मालपुआ बनाने के यहां अलग नियम हैं. प्रसाद बनाने में वही श्रद्धालु भाग ले सकता है, जो व्रत लेकर आए और धोती, कुर्ता धारण कर उस अवधि में लगातार हनुमान चालीसा का पाठ कर रहा हो.
रविवार सुबह से तीन दिन तक लगातार प्रसाद बनाने का काम चालू रहेगा. प्रसाद को एफएसएसआई द्वारा प्रमाणित किया जाएगा. बताया गया प्रसाद के रूप में मालपुआ बांटने की इच्छा बाबा नीम करौली महाराज की ही थी. सोमवार से बारी-बारी से श्रद्धालु प्रसाद बनाने में अपनी भागीदारी करेंगे.
मालपुआ बनाने के बाद उन्हें पेटियों और डलियों में रख दिया जाता है. 15 जून की सुबह बाबा को भोग लगाने के बाद इसे प्रसाद के रूप में बांटा जाता है. कैंची मंदिर के प्रसाद को पाने के लिए देश-विदेश से लोग यहां पहुंचते हैं. कई लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के माध्यम से प्रसाद मंगाते हैं.
मंदिर समिति के अनुसार प्रसाद बांटने के लिए लाखों की संख्या में कागज की थैलियां मंगाई गई हैं. मंदिर ट्रस्ट जहां श्रद्धालुओं के लिए उचित व्यवस्था में जुटा है, वहीं पुलिस प्रशासन चौकसी के इंतजाम में लगा है.
विनोद जोशी, कैंची मंदिर समिति प्रबंधक ने बताया इस वर्ष पहली बार गैस के भट्ठों पर मालपुआ बनाए जा रहे हैं. मालपुआ बनाने के लिए फिरोजाबाद से कारीगर आ गए हैं. मालपुआ बनाने शुरू कर दी गई है. प्रसाद बांटने के लिए कागज की थैलियां मंगाई गई हैं.