रोजमर्रा की चीजों के बाद ,महंगाई का डंक अब कर्ज पर भी पड़ने लगा है. देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने करीब 3 साल बाद अपने कर्ज महंगे कर दिए हैं. बैंक ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) में 0.10 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है.
एसबीआई के अलावा एक्सिस बैंक ने भी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) में 0.05 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है. मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) में बढ़ोतरी का सीधा मतलब है कि अब कर्ज महंगा हो जाएगा. इसका सीधा असर होम लोन, ऑटो लोन सहित दूसरे कर्ज लेने वाले ग्राहकों पर पड़ेगा. वहीं पहले से कर्ज चुका रहे ग्राहकों की ईएमआई बढ़ जाएगी.
सोमवार को भारतीय स्टेट बैंक ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) में 10 बेसिस प्वाइंट का इजाफा कर दिया है. इसके तहत एसबीआई ने तीन महीने तक के लिए एलसीएलआर 6.65 फीसदी से बढ़ाकर 6.75 फीसदी कर दिया है.
वहीं छह माह के लिए यह बढ़कर 7.05 और एक साल के लिए एमसीएलआर 7.10 फीसदी होगा. इसी तरह दो और तीन साल के लिए एमसीएलआर क्रमश: 7.30 और 7.40 फीसदी होगा. बढ़ी हुई दरें 15 अप्रैल से लागू होंगी.
एसबीआई की तरह एक्सिस बैंक ने भी 0.05 फीसदी एमसीएलआर बढ़ाया है. इसके बाद एक साल के लिए बैंक का एमसीएलआर 7.35 फीसदी हो जाएगा. नई दरें 17 मार्च से लागू होंगी. इसके पहले इसी महीने बैंक ऑफ बड़ौदा और कोटक महिंद्रा बैंक ने भी एमसीएलआर में 0.05 फीसदी की बढ़ोतरी की थी.
जिस तरह चार बैंकों ने कर्ज महंगा किया है. उसके बाद ऐसी संभावना है कि दूसरे बैंक भी अब अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) में बढ़ोतरी करेंगे. खास तौर यह संभावना इसलिए बढ़ गई है कि एसबीआई ने अपने कर्ज महंगे कर दिए हैं.
उसके बाद दूसरे बैंक और फाइनेंस कंपनियां एसबीआई के कदम को देखते हुए कर्ज महंगा कर सकती हैं. वैसे ही बढ़ती महंगाई को देखते हुए आरबीआई ने भी कर्ज महंगा होने के संकेत दे दिए हैं. एक्सपर्ट का अनुमान है कि इस साल आरबीआई 3-4 बार रेपो रेट में बढ़ोतरी कर सकता है. अगर ऐसा होता है तो उसका बोझ सीधे तौर पर कर्ज लेने वाले ग्राहकों पर पड़ेगा.
बैंकिंग सिस्टम में अप्रैल 2016 से कर्ज देने के लिए मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) को आधार माना जाता है. इसके पहले से कर्ज ले रखे ग्राहकों पर मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट ( MCLR) में बढ़ोतरी का असर पड़ सकता है. क्योंकि बैंक बेस रेट पर कर्ज ले रखे ग्राहकों की ईएमआई में भी बढ़ोतरी कर सकते हैं.