उत्‍तराखंड

फेरबदल के बाद उत्तराखंड कांग्रेस में उठे विरोध के सुर, पूर्व विधायक नवप्रभात ने किया मेनिफेस्टो कमेटी का अध्यक्ष पद अस्वीकार

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पूर्व सीएम हरीश रावत

गुरुवार को कांग्रेस आलाकमान ने उत्तराखंड कांग्रेस में आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए बड़ा चुनावी फेरबदल कर सबको खुश करने की पूरी कोशिश की, लेकिन फिर भी विरोध के सुर उठ रहे हैं.

पहले धारचूला विधायक हरीश धामी द्वारा चुनाव कमेटी की कुछ नई नियुक्तियों पर सवाल उठाते हुए पार्टी छोड़ने की धमकी देने की चर्चा थी और अब कांग्रेसी नेता हरीश धामी के बाद अब विकासनगर के पूर्व विधायक नवप्रभात ने भी इस फेरबदल का विरोध जताया है.

विकासनगर के पूर्व विधायक नवप्रभात की नाराजगी बरकरार है. नवप्रभात को उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस मेनिफेस्टो कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है. जिस पर उन्होंने कहा जब चुनाव किसी चेहरे को सामने रखकर लड़ा जाना है तो मेनिफेस्टो बनाने की जिम्मेदारी भी उन्हीं के कंधों पर होनी चाहिए. उन्होंने मेनिफेस्टो कमेटी का अध्यक्ष पद अस्वीकार किए जाने के संबंध में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को अवगत करा दिया है.

वहीं अब धारचूला विधायक हरीश धामी का कहना है कि मेरी किसी से कोई नाराजगी नहीं है और न ही मैंने पार्टी छोड़ने का कोई बयान दिया है. हम ने जो मांगा था वह हमें मिल गया है.

कहा कि हम 2022 मैं हरीश रावत के चेहरे के साथ चुनाव मैदान में उतरना चाहते थे. अध्यक्ष पद पर किसी ब्राह्मण नेता की नियुक्ति के साथ नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह को बनाए जाने की मांग कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कुछ पदों पर जरूर ऐसे लोगों की नियुक्ति कर दी गई है जो नहीं की जानी चाहिए थी. इसको लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच जरूर नाराजगी है.

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