सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर पीएम नरेंद्र मोदी जवाब दे रहे थे. जवाब के दौरान उन्होंने कहा कि अगर महाराष्ट्र में कांग्रेस गठबंधन की सरकार और दिल्ली की सरकार ने गंभीरता और जिम्मेदारी को समझा होता तो प्रवासी श्रमिक परेशना नहीं हुए होते.
इसके साथ ही यूपी, उत्तराखंड और पंजाब में कोरोना केस नहीं बढ़े होते. पीएम नरेंद्र मोदी के इस वक्तव्य पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने निशाना साधा तो दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी पीछे नहीं रहे. इन सबके बीच दोनों शख्सियतों के ट्विटर जंग में अब कांग्रेस भी कूद पड़ी है.
योगी आदित्यनाथ ने जब साधा निशाना
सुनो केजरीवाल, जब पूरी मानवता कोरोना की पीड़ा से कराह रही थी, उस समय आपने यूपी के कामगारों को दिल्ली छोड़ने पर विवश किया. छोटे बच्चों व महिलाओं तक को आधी रात में यूपी की सीमा पर असहाय छोड़ने जैसा अलोकतांत्रिक व अमानवीय कार्य आपकी सरकार ने किया. आपको मानवताद्रोही कहें या…
केजरीवाल ने क्या कहा
सुनो योगी, आप तो रहने ही दो. जिस तरह यूपी के लोगों की लाशें नदी में बह रहीं थीं और आप करोड़ों रुपए खर्च करके Times मैगज़ीन में अपनी झूठी वाह वाही के विज्ञापन दे रहे थे. आप जैसा निर्दयी और क्रूर शासक मैंने नहीं देखा.
संजय सिंह का ट्वीट
सुनो आदित्यनाथ. क्या तुमको नही लगता की तुम्हारी भाषा मुख्यमंत्री के बजाय चौराहा छाप नेता की है?
छत्तीसगढ़ कांग्रेस का ट्वीट
सुनो योगी-केजरीवाल, तुम दोनों ये नूरा कुश्ती करके देश को बेवकूफ न बनाओ. सच तो ये है कि जनता की दोनों को कोई फिक्र नहीं. दोनों ही नागपुर वालों के “Arvind Now” और “Yogi Now” हो.