उत्‍तराखंड

उत्तराखंड: नई सत्ता में त्रिवेंद्र राज में दिग्गज नौकरशाहों का जलवा हुआ फीका, अब डीएम और कप्तानों की बारी

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सीएम धामी

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने आखिरकार नौकरशाहों को ताश के पत्तों की तरह फेंट डाला. इस बड़े प्रशासनिक फेरबदल में त्रिवेंद्र राज में दिग्गज माने जाने वाले नौकरशाहों को कुछ हल्का कर दिया गया है. नई सत्ता में अब उनका जलवा फीका पड़ता नजर आ रहा है. जबकि कुछ नौकरशाहों के प्रति सरकार का भरोसा मजबूत होता दिखा है.

इनमें मनीषा पंवार और आनंद बर्द्धन सरीखे वरिष्ठ नौकरशाह हैं. मनीषा को वित्त और आनंद बर्द्धन को गृह विभाग की अहम जिम्मेदारी देकर सरकार ने साफ  कर दिया कि वह अनुभवी अफसरों की नई टीम चाहती है.

सत्ता की कमान संभालने के दिन से ही नौकरशाही मुख्यमंत्री धामी के निशाने पर है. आते ही सबसे पहले उन्होंने प्रशासनिक व्यवस्था की शीर्ष ओहदे मुख्य सचिव की कुर्सी पर बैठे ओम प्रकाश को हिलाया और उनकी जगह डॉ. सुखबीर सिंह संधू की ताजपोशी की. इसके बाद उन्होंने अपने कार्यालय की टीम में अनुभवी नौकरशाह एसीएस आनंद बर्द्धन को शामिल किया और कद्दावर नौकरशाह एसीएस राधा रतूड़ी की विदाई कर दी.

उनसे पहले राधिका झा भी मुख्यमंत्री के कार्यालय से विदा हुईं. सचिव गृह नितेश झा को भी हल्का कर दिया गया. त्रिवेंद्र राज में ये तीनों नौकरशाह काफी सशक्त रहे. हालांकि ऊर्जा के दायित्व से मुक्त हुईं राधिका को विद्यालयी और माध्यमिक शिक्षा, उद्योग सरीखे अहम विभाग दिये गए हैं. लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय में अब उनकी त्रिवेंद्र राज सरीखे धमक नहीं रही. इस भारी फेरबदल में मनीषा पंवार, सौजन्या,  डॉ. पंकज कुमार पांडेय,  बीके संत, एसए मुरुगेशन, हरिश्चंद्र सेमवाल, रणवीर सिंह चौहान,  दीपक रावत धामी सरकार की नौकरशाही के कुछ नए और अहम चेहरे हैं.

शासन स्तर पर फेरबदल करने के बाद अब बारी जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस के कप्तानों को बदलने की है. अभी प्रदेश सरकार ने केवल देहरादून के जिलाधिकारी को बदला है.  लेकिन सूत्रों की मानें तो हरिद्वार, चमोली, ऊधमसिंह नगर समेत कई अन्य जिलों के जिलाधिकारियों को बदलने के संकेत  दिए जा रहे हैं.

शासन स्तर पर ही एक और बदलाव की संभावना जताई जा रही है. माना जा रहा है कि एक और छोटा बदलाव होगा, जिसमें कुछ और सचिवों के प्रभारों में फेरबदल किया जाएगा.

सत्ता की कमान हाथों में आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने भी प्रशासनिक फेरबदल करने के संकेत दिए थे. लेकिन सचिवालय में ही वह सिर्फ एक तबादला कर सके. तब सियासी हलकों में यह चर्चा रही तीरथ भी नौकरशाही के मोहपाश में जकड़ चुके हैं. 

लेकिन सत्ता की बागडोर हाथों में आते ही मुख्यमंत्री धामी ने मुख्य सचिव को बदल कर नौकरशाही में संशय पैदा कर दिए. कद्दावर माने जाने वाले कई नौकरशाहों को यकीन नहीं था कि उनकी कुर्सियां हिला दी जाएंगी.

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