यूपी में दलों का प्रबुद्ध गुणगान: बसपा-सपा-भाजपा के बाद ब्राह्मणों को रिझाने के लिए आप ने भी तैयार की ‘चाणक्य नीति’

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दो महीने पहले जुलाई में उत्तर प्रदेश में सत्ता पाने के लिए संघर्ष कर रही बहुजन समाजवादी पार्टी की सुप्रीमो मायावती को ‘मिशन 22’ के लिए 15 साल बाद ‘ब्राह्मणों’ की याद आई.

फिर क्या था बसपा सुप्रीमो ने पार्टी के महासचिव और रणनीतिकार माने जाने वाले राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्र को ब्राह्मणों को रिझाने के लिए सम्मेलन करने में लगा दिया. सतीश चंद्र मिश्र ने इसकी शुरुआत राम नगरी अयोध्या से की .

उसके बाद बसपा ने प्रयागराज, बांदा, वाराणसी और मथुरा समेत कई शहरों में ब्राह्मण सम्मेलन आयोजित किए. हालांकि बीएसपी ने बाद में इस सम्मेलन को ‘प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन’ का नाम दे दिया था. पिछले दिनों मायावती खुद भी साल 2022 के विधानसभा चुनाव में ब्राह्मणों को अपने पाले में लाने के लिए लखनऊ में आयोजित ब्राह्मण सम्मेलन में शामिल हुईं.

इस मौके पर बसपा सुप्रीमो ‘त्रिशूल और शंख’ लिए हुए दिखाई दीं. बसपा के ब्राह्मण सम्मेलन प्रेम को देखकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन आयोजित किए. ‌ उसके बाद भाजपा भी ब्राह्मणों को अपने पाले में लाने के लिए पिछले दिनों अयोध्या से प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन की शुरुआत कर दी है. बसपा, सपा और भाजपा के बाद उत्तर प्रदेश में अपनी जमीन तलाशने उतरी आम आदमी पार्टी भी कहां पीछे रहने वाली थी.

प्रदेश की सियासत में काफी दिनों से सक्रिय आप के राज्यसभा सांसद और यूपी प्रभारी संजय सिंह ने गुरुवार को राजधानी लखनऊ में बड़े जोर-शोर से एलान किया कि आम आदमी पार्टी भी ‘चाणक्य विचार सम्मेलन’ आयोजित करेगी.

यूपी चुनाव से पहले ब्राह्मणों पर डोरे डालने के लिए संजय सिंह ने हाईकोर्ट के अधिवक्ता व पीसीएस संघ के प्रदेश अध्यक्ष रहे हरिशंकर पांडे को पार्टी के प्रबुद्ध प्रकोष्ठ का प्रदेश अध्यक्ष बनाया . उन्होंने बताया कि हरिशंकर पांडे के नेतृत्व में 3 अक्टूबर को लखनऊ से सम्मेलन की शुरुआत होगी.

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार

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