एक नज़र इधर भी

21 साल बाद भी नहीं सुलझ पाए नेपाल शाही हत्याकांड के राज

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नेपाल का शाही राजपरिवार

साल के छठे महीने का यह पहला दिन इतिहास में अपनी एक खास जगह रखता है. नेपाल में आज के दिन की एक बड़ी घटना ने देश के पूरे इतिहास का रूख मोड़ दिया.

इस दिन नेपाल के राजमहल में हुए सामूहिक हत्या कांड में राजा, रानी, राजकुमार और राजकुमारियाँ मारे गए. राजा के भाई ज्ञानेंद्र बीर बिक्रम शाह देश के नये राजा बने.

वर्ष 2001 में वह जून की पहली जून तारीख थी, जब नेपाल के युवराज दीपेन्द्र ने अपनी माँ, पिता और भाई सहित परिवार के 11 सदस्यों की हत्या कर खुद को गोली मार ली.

इस घटना में नेपाल के तत्कालीन राजा बीरेन्द्र बीर बिक्रम शाह, उनकी पत्नी ऐश्वर्या और दीपेन्द्र के छोटे भाई-बहन राजकुमार निरंजन और राजकुमारी श्रुति सहित कुल 11 लोग मारे गए. बाद में घटना की जांच रिपोर्ट में कहा गया कि युवराज ने शराब के नशे में इस हत्याकांड को अंजाम दिया.

क्या ये हत्याकांड प्यार की वजह से हुआ या फिर इसके पीछे विदेशी ताकतों का हाथ था. या फिर नेपाल में किसी अंदरूनी साजिश का परिणाम. आखिर क्या था रॉयल फैमिली हत्याकांड के पीछे का सच. हत्याकांड के पीछे की कितनी वजह हो सकती हैं, जानिए यहां.

राजपरिवार की कलह
प्रिंस दीपेंद्र को मां यानी नेपाल की रानी ऐश्वर्या ने शादी के बारे में बात करने के लिए बुलाया. रानी ऐश्वर्या ने कहा कि वह प्रिंस की शादी के लिए वह दुल्हन का चुनाव कर रही थीं. इस पर प्रिंस दीपेंद्र ने कहा कि वह अपनी मर्ज़ी की लड़की से शादी करना चाहता था, तो एक पल के लिए ऐश्वर्या का माथा ठनका. ऐश्वर्या ने उस लड़की के बारे में जब पूछा तो प्रिंस के जवाब से नाराज़ होकर साफ शब्दों में इस शादी से इनकार करते हुए चली गईं.

प्रिंस को आभास तो था कि उनकी मर्ज़ी पर ऐतराज़ होगा लेकिन इतना सख़्त होगा, यह उम्मीद नहीं थी. प्रिंस ने अपनी मां को मनाने का निश्चय किया. एक दिन फिर प्रिंस मां के पास पहुंचा और शादी के बारे में बात करना चाही तो ऐश्वर्या ने फिर इनकार करते हुए कहा कि उसके लिए दुल्हन उन्होंने चुन ली थी. इस बार प्रिंस दीपेंद्र नाराज़ हो गया और यह बोलकर वहां से चला गया कि वह शादी करेगा तो देवयानी से ही.

माता-पिता दोनों से हाथ लगी मायूसी
मां-बेटे के बीच इस बात को लेकर जैसे एक जंग छिड़ चुकी थी. कुछ वक्त के बाद ऐश्वर्या ने कहा कि उन्होंने जो लड़की प्रिंस के लिए चुनी, वह राजमाता रत्ना की बहन के खानदान की थी यानी राजघराने की. राजघराने में अगर दुल्हन आएगी तो प्रतिष्ठित राजघराने से ही. दीपेंद्र ने कहा कि देवयानी भी राजघराने की थी, तो ऐश्वर्या बिगड़ गईं और कहा कि उनके घराने की आन बान शान में वह लड़की फिट नहीं होती.

न कुंडलियां मिलीं और न रानी का मन बदला
एक दिन दीपेंद्र अपनी और देवयानी की कुंडलियां लेकर ऐश्वर्या के पास गया और बोला कि शादी करेगा तो देवयानी से ही, भले ही माता-पिता की इच्छा हो या नहीं. ऐश्वर्या ने दोनों की कुंडलियों का मिलान करवाया तो एक ज्योतिषी का कहना था कि अगर प्रिंस दीपेंद्र 35 साल की उम्र से पहले पिता बनेंगे तो महाराज की मृत्यु तक हो सकती थी.

दीपेंद्र और देवयानी का रिश्ता कायम था. दीपेंद्र ने भरोसा दिला रखा था कि शादी उसी से करेगा. फिर एक दिन ऐश्वर्या ने साफ कह दिया कि देवयानी जिस सिंधिया खानदान से है, वो पुणे के पेशवाओं की नौकरी करते थे इसलिए वो शाही खानदान के मुकाबले कुछ नहीं हैं. दीपेंद्र ने कहा कि प्रिंस निरंजन की शादी तय करते वक्त तो यह नहीं सोचा गया. ऐश्वर्या बिगड़ गईं और दीपेंद्र को तमीज़ से बात करने के लिए कहा.

दीपेंद्र ने शाम से ही नशा करना शुरू कर दिया
ऐश्वर्या और प्रिंस दीपेंद्र दोनों अपनी ज़िद पर अड़े रहे. इसी बीच, दीपेंद्र का राजनीतिक दखल और उसके पिता के फैसले भी एक-दूसरे के उलट ही साबित हो रहे थे. साल 2001 में जून के महीने का पहला दिन था. दीपेंद्र हर तरफ से मायूस था और जल्द ही कोई फैसला चाहता था. इसी दिन राजमहल में फैमिली डिनर का आयोजन था. मौका था सबके सामने किसी नतीजे पर पहुंचने का. लेकिन नतीजा निकला कुछ और ही.

दीपेंद्र ने शाम से ही नशा करना शुरू कर दिया था और बेकाबू हो गया था. सबकी मौजूदगी में मां और पिता पर चीखा-चिल्लाया तो कुछ रिश्तेदार उसे कमरे में छोड़ आए. अपने कमरे में पहुंचने के बाद दीपेंद्र ने देवयानी से फोन पर बात की तो बस यही कहा कि अब वह सोने जा रहा था.

इधर, दीपेंद्र और देवयानी दोनों को उम्मीद थी कि शादी की संभावना खत्म नहीं हुई. इस बीच, दीपेंद्र ने अपने देश नेपाल के सुरक्षा विभाग के लिए हथियारों और अन्य उपकरणों की एक डील का प्रस्ताव रखा और अपना सुझाव भी. दीपेंद्र के इस प्रस्ताव को दीपेंद्र के पिता और नेपाल के राजा बीरेंद्र ने दरकिनार करते हुए इससे उलट अपने फैसले को तरजीह दी. दीपेंद्र को यहां भी मायूसी हाथ लगी.

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