‘पीएम मोदी जितने राजनीति में मझे हुए खिलाड़ी माने जाते हैं उतना ही लोगों से जुड़ने के लिए नए-नए प्रयोग ढूंढ कर लाते हैं’. मोदी की खासियत यही है चाहे वह किसी भी प्रदेश या विदेश के दौरे पर जाएं वहां कुछ ऐसी बातें कहते हैं जिससे लोग उनका मुरीद बन जाते हैं.
आपको बता दें कि रवींद्र नाथ टैगोर, रामकृष्ण और विवेकानंद को बंगाल में बहुत ही आदर सम्मान के साथ नाम लिया जाता है. बंगाल के विश्वभारती विश्वविद्यालय में आज भी प्रधानमंत्री ने वैसा ही किया. बंगाल विधानसभा चुनाव को देखते हुए नरेंद्र मोदी गुरुवार को जब अपना संबोधन कर रहे थे, उस वक्त पूरी तैयारी करके आए थे.
मोदी ने कहा कि गुरुदेव के बड़े भाई सत्येंद्र नाथ टैगोर की नियुक्ति गुजरात में हुई थी. तब रवींद्र नाथ टैगोर उनसे मिलने अहमदाबाद में आते थे, वहां पर ही उन्होंने अपनी दो कविताओं को लिखा था. गुजरात की बेटी भी गुरुदेव के घर बहू बनकर आई थी.
सत्येंद्र नाथ टैगोर की पत्नी ‘ज्ञानेंद्री देवी’ जब अहमदाबाद में रहती थीं, तब उन्होंने देखा कि वहां महिलाएं साड़ी का पल्लू दाईं ओर रखती थीं, तब उन्होंने बाएं कंधे पर साड़ी का पल्लू रखने की सलाह दी जो अब तक जारी है.
‘बता दें कि मोदी का यह टैगोर गुजरात कनेक्शन बंगाल की सीएम ममता को पसंद नहीं आया, क्योंकि दीदी नरेंद्र मोदी को बाहरी बताने में लगी हुईं हैं. लेकिन पीएम मोदी पश्चिम बंगाल में जब तक विधानसभा चुनाव न हो वहीं का लिबास ओढ़े रहना चाहते हैं’.
इधर विश्वभारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह कार्यक्रम में सीएम ममता बनर्जी को भी आमंत्रित किया था, लेकिन उन्होंने इसमें हिस्सा नहीं लिया. वहीं ममता के समारोह में शामिल नहीं होने पर भाजपा ने इस पर सवाल उठाए हैं.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार