मुंबई| उर्मिला मातोंडकर फिल्मी पर्दे पर जलवे बिखेरने के बाद सियासी पिच पर उतरीं और कांग्रेस का दामन थामा. 2019 के आम चुनाव में उत्तर मुंबई से किस्मत आजमाईं हालांकि वो चुनाव जीतने में नाकाम रहीं.
लेकिन जनसेवा का जज्बा बरकरार रहा यह बात अलग है कि अब वो नए रूप रंग में नजर आएंगे. महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में उन्होंने शिवसेना का दामन थामा. बताया जाता है कि जिस मकसद से वो कांग्रेस में शामिल हुईं थीं उसे परवान चढ़ाने में दिक्कत आ रही थी.
अब सवाल यह है कि उर्मिला मातोंडर को शिवसेना में शामिल कराने के पीछे का मकसद क्या है. इस सिलसिले में जानकार बताते हैं कि शिवसेना एक ऐसे चेहरे को पार्टी में शामिल करना चाहती थी जिसकी हिंदी, अंग्रेजी और मराठी तीनों पर अच्छी पकड़ हो. इस लिहाज से उद्धव ठाकरे के लिए वो मुफीद नजर आ रही थीं. नाराजगी जताने के बाद उर्मिला मातोंडकर कांग्रेस से अलग हो चुकी थीं.
हाल ही में जिस तरह से सुशांत सिंह राजपूत के मुद्दे पर कंगना रनावत मुखर होते हुए शिवसेना पर हमलावर थीं. खास तौर से जब उन्होंने मुंबई की चुलना पीओके से की उस वक्त उर्मिला मातोंडकर ने कंगना की लानत मलानत की. यह वो समय था जब कांग्रेस और एनसीपी दोनों मुखर होकर अपने गठबंधन के चेहरे के लिए खुलकर सामने नहीं आ रहे थे.