देहरादून| 2022 में होने वाले उत्तराखंड विधानसभा चुनाव तैयारी बीजेपी तो कर ही रही है कांग्रेस भी सक्रिय हो गई है.
लेकिन कांग्रेस से भी पहले विपक्ष के मुद्दों को लेकर लोगों का, मीडिया का और राजनीतिक विश्लेषकों का ध्यान खींचा है आम आदमी पार्टी ने.
बीजेपी विधायक महेश नेगी यौन शोषण को लेकर कांग्रेस की ख़ामोशी पर राजनीतिक पंडित सवाल उठा रहे थे, तो आम आदमी पार्टी ने यह मुद्दा लपक लिया और बीजेपी के ख़िलाफ़ जोरदार प्रदर्शन किया.
अब यह चर्चा तो होने लगी है कि क्या आप इन चुनावों में तीसरी शक्ति बनकर उभरेगी? लेकिन इसके साथ ही आप को यह भी नज़र आने लगा है कि पहाड़ के चेहरों को आगे किए बिना अच्छे से अच्छी रणनीति भी उसे रेस में नहीं ला सकती.
उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी यूथ को जोड़ने के साथ ही नई कार्यकारिणी में पहाड़ी चेहरों को जोड़ने की मशक्कत कर रही है.
पार्टी के प्रदेश प्रभारी और अध्यक्ष एसएस कलेर मानते हैं नई कार्यकारणी में तवज्जो उन्ही चेहरों को दी जाएगी जो पहाड़ के होंगे.
वह यह भी कहते हैं कि पहाड़ की रीढ़ कही जाने महिलाएं पार्टी में फ्रंट फुट पर दिख सकती हैं. अब पार्टी में कवायद यह चल रही है कि यह होगा कैसे?
उत्तराखंड की राजनीति पर नज़र रखने वाले मानते हैं कि आम आदमी पार्टी के पास राज्य में तीसरा विकल्प बनने की काफ़ी संभावनाएं हैं.
उत्तराखंड में तीसरी पार्टी या तीसरे विकल्प के लिए गुंजाइश तो है लेकिन इसे खड़ा करना आसान नहीं है. आम आदमी पार्टी ने संभावनाएं तो दिखाई हैं लेकिन इनमें कितना दम है यह पार्टी की नई कार्यकरिणी से ही साफ़ होगा.
इसी से यह पता चलेगा कि आम आदमी पार्टी का उत्तराखंड का रोडमैप है क्या?