आम आदमी पार्टी गुजरात में पिछले कई महीनों से सक्रिय है. इससे पहले भी अरविंद केजरीवाल और पार्टी के जुड़े कई नेताओं ने पीएम मोदी के ग्रह राज्य में दौरे किए थे. आम आदमी पार्टी की इस राज्य में पहली प्राथमिकता यह है कि विपक्षी दल कांग्रेस को हटाकर खुद विपक्ष की भूमिका में आना.
निकाय चुनाव परिणामों के बाद आम आदमी पार्टी ने सूरत में कांग्रेस से यह तमगा फिलहाल छीन लिया है और वह निगम में भाजपा के साथ विपक्ष की भूमिका में तैयार है. 23 फरवरी को जब गुजरात के निकाय चुनाव परिणाम घोषित किए जा रहे थे तब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि आम आदमी पार्टी ने नगर निकाय चुनाव में 27 सीट हासिल कर सूरत में बीजेपी के किले में सेंध लगा दी, मैं दिल से गुजरात के लोगों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं.
सूरत के लोगों ने देश की पुरानी पार्टी कांग्रेस को खारिज करते हुए आम आदमी पार्टी को मुख्य विपक्षी दल की जिम्मेदारी दी है, मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि गुजरात में नई राजनीति का दौर शुरू हुआ है। उन्होंने कहा कि हम गुजरात के लोगों के साथ मिलकर राज्य का चेहरा बदलेंगे.
बता दें कि केजरीवाल भाजपा के ‘गुजरात मॉडल’ की गहराई नापने में काफी समय से लगे हुए हैं. फिलहाल आम आदमी पार्टी अपने ‘दिल्ली मॉडल’ को पूरे देश भर में ढिंढोरा पीट रही है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पार्टी के राज्य सभा सांसद संजय सिंह उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा की सरकारों को चैलेंज करने में लगे हुए हैं.
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार