पिथौरागढ़| उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले से एक रोचक मामला प्रकाश में आया है. यूपी के लखीमपुर खीरी की रहने वाली 27 साल की महिला पर्यटक को शनिवार को सुरक्षा एजेंसियों द्वारा भारत-चीन सीमा के पास नाभिढांग के प्रतिबंधित क्षेत्र से जबरन वापस लाया गया.
ये महिला 10 मई को इनर लाइन परमिट पर भारत-चीन सीमा के पास नाभिढांग के प्रतिबंधित क्षेत्र में पहुंच गई थी. महिला को जारी किए गए परमिट की वैधता समाप्त होने के बाद उसने एक सप्ताह से अधिक समय तक लौटने से इनकार कर दिया था.
हरमीत कौर नाम की इस महिला ने दावा किया कि वह देवी पार्वती का अवतार है और भगवान शिव से शादी करने की प्रतीक्षा कर रही है. महिला के साथ उसकी मां भी थी. पिथौरागढ़ के पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह ने बताया कि दोनों ने स्थानीय प्रशासन से ओम पर्वत के दर्शन करने की अनुमति मांगी थी.
धारचूला के एसडीएम की ओर से 10 मई को उन्हें इनर-लाइन परमिट जारी किया गया था, जो 24 मई को समाप्त था. दोनों धारचूला उप-मंडल के कालापानी क्षेत्र के पास नाभिढांग गांव में एक होम स्टे में रह रहे थे.
जब परमिट का समय खत्म हो गया तो आईटीबीपी कर्मियों की एक टीम जो पास की सीमा पर थी, उनके पास गई और होम स्टे के मालिक से उन्हें छोड़ने के लिए कहा, जो उन्हें होस्ट कर रहे थे. लेकिन मां और बेटी दोनों ने जाने से इनकार कर दिया.
पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह के मुताबिक तीन दिन पहले पुलिस की एक छोटी टीम मौके पर गई और मां को नीचे आने के लिए मनाने में कामयाब रही, लेकिन बेटी ने फिर भी मना कर दिया और धमकी दी कि अगर जबरदस्ती की गई तो वह खुदकुशी कर लेगी.
सुरक्षा अधिकारियों और हरमीत कौर के बीच बातचीत के एक वीडियो में उन्हें ये कहते हुए सुना जा सकता है कि उसे यूपी में घर में पूजा के दौरान यहां आने का निर्देश मिला था और उसके लिए इस जगह को छोड़ना कोई विकल्प नहीं है.
इसके बाद आखिरकार प्रशासन ने शुक्रवार को उसे जबरदस्ती वापस लाने के लिए एक डॉक्टर समेत 10 सदस्यीय टीम भेजी. धारचूला के थाना प्रभारी केएस रावत ने कहा कि महिला को शनिवार शाम तक धारचूला लाया गया, जहां पुलिस और सेना की खुफिया टीम उससे से पूछताछ करेगी