विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में कोविड-19 से होने वाली मौतों से जुड़े एक वायरल वीडियो पर अपना स्पष्टीकरण दिया है. दरअसल, सोशल मीडिया में वायरल हुए एक वीडियो में डब्ल्यूएचओ के हवाले से कहा गया है कि भारत में 15 अप्रैल तक कोरोना महामारी से 50,000 हजार लोगों की मौत हो जाएगी.
अब दक्षिण-पूर्व एशिया के डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय कार्यालय ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए अपने एक ट्वीट में कहा है कि यह वीडियो फर्जी है और उसने इस तरह की कोई चेतावनी जारी नहीं की है.
डब्ल्यूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशिया कार्यालय ने मंगलवार सुबह अपने एक ट्वीट में कहा, ‘एक वीडियो में दावा किया गया है कि डब्ल्यूएचओ ने भारत में 15 अप्रैल तक कोविड-19 से 50,000 मौत होने की चेतावनी दी है. यह दावा फर्जी है. डब्ल्यूएचओ ने इस तरह की कोई चेतावनी जारी नहीं की है.’
इस वीडियो में दावा किया गया है कि भारत में 15 अप्रैल तक महामारी से मरने वाले लोगों की संख्या 50,000 हो जाएगी. इस वीडियो में डब्ल्यूएचओ और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) का हवाला दिया गया है.
वायरल वीडियो में यह भी कहा गया है कि भारत जल्द ही सामुदायिक संक्रमण के तीसरे चरण में पहुंच सकता है. अगर भारत तीसरे चरण में पहुंचता है तो यहां मौतों की संख्या 50,000 हो जाएगी क्योंकि भारत में जनसंख्या का घनत्व ज्यादा है.
यह बात ध्यान रखने की है कि पिछले साल मार्च-अप्रैल महीने में भी सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हुआ था. उस समय भारत में इस महामारी की शुरुआत हुई थी और इससे होने वाली मौतों का आंकड़ा भी कम था. ऐसा लगता है कि यह वीडियो एक बार फिर वायरल हुआ है.
गौरतलब है कि भारत में कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा पहले ही 50,000 को पार कर चुका है. देश में छह अप्रैल 2021 तक 1,65,547 लोगों की मौत हो चुकी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 96,982 नए केस मिले जबकि 446 लोगों की मौत हुई. भारत में कोरोना संक्रमण की कुल संख्या 1,26,86,049 हो चुकी है.