तीन मई को अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट पूरे विधि विधान के साथ खोले गए थे. उसी के साथ चार धाम यात्रा की शुरुआत हो गई थी.
उसके बाद 6 मई को बाबा केदारनाथ धाम और 8 मई को बाबा बद्रीनाथ धाम के कपाट खोले गए. इसके बाद ही चार धाम जाने के लिए श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती चली गई. लेकिन यात्रा की शुरुआत में ही तीर्थ यात्रियों की लगातार हो रही मौत से व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है.
वहीं दूसरी इस यात्रा के दौरान 20 यात्रियों की मौत से भी उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. जिसके बाद अब स्वास्थ्य विभाग ने चार धाम यात्राा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को लेकर एडवायजरी जारी की है और ऐसे यात्रियों से यात्रा स्थगित करने की अपील की गई है जो बीमार हैं या किसी बीमारी से जूझ रहे हैं.
श्रद्धालुओं के लिए एडवायडरी जारी
उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग की ओर से जो एडवायजरी जारी की गई है उसके तहत स्वास्थ्य विभाग ने चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा को देखते हुए ये दिशानिर्देश दिए हैं.
चारधाम यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालु यात्रा से पहले अपने स्वास्थ्य की परीक्षण कराए. अगर कोई पहले से बीमार है तो अपने डॉक्टर से परामर्श की पर्ची और उनका फोन नंबर जरूर साथ रखें.
अधिक बुजुर्ग, बीमार या जिन्हें पहले कोविड हो चुका है ऐसे यात्रियों के लिए यात्रा न करने या कुछ समय यात्रा को स्थगित करना उचित होगा.
हार्ट के मरीज, शुगर और हाई ब्लड प्रेशर वाले मरीज ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जाते समय खास सावधानी बरतें. अगर किसी भी श्रद्धालु को इनमें से कोई भी बीमारी है तो वो अपने साथ पर्याप्त मात्रा में दवाईंया अवश्य रखें और डॉक्टर द्वारा लिखी गयी दवाईयों एवं परामर्श पर्ची यात्रा के दौरान अपने साथ रखें.
किसी भी स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी हेतु 104 हेल्पलाइन नम्बर पर सम्पर्क करेंगे.
एम्बुलेंस हेतु 108 हेल्पलाईन नम्बर पर सम्पर्क करेंगे.