नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने विमानन कंपनी स्पाइसजेट एयरलाइन के 90 पायलटों को बोइंग 737 मैक्स विमान उड़ाने से रोक दिया है क्योंकि वे ठीक से प्रशिक्षित नहीं थे. डीजीसीए के महानिदेशक अरुण कुमार ने बताया कि, ’90 पायलटों को बोइंग 737 मैक्स उड़ाने से रोक दिया गया है. उन्हें डीजीसीए की संतुष्टि के लिए दोबारा ट्रेनिंग से गुजरना होगा.’
144 पायलट संचालित करते हैं 11 मैक्स विमान
हालांकि, यह प्रतिबंध मैक्स विमानों के संचालन को प्रभावित नहीं करता है. डीजीसीए के महानिदेशक ने कहा कि, ‘स्पाइसजेट वर्तमान में 11 मैक्स विमान संचालित करती है और इन 11 विमानों को संचालित करने के लिए लगभग 144 पायलटों की आवश्यकता है.’
दोबारा ट्रेनिंग लेंगे पायलत
इनमें से मैक्स पर 650 प्रशिक्षित पायलटों में से 560 अभी भी उपलब्ध हैं. मैक्स सिम्युलेटर पर पायलटों को सही तरीके से फिर से ट्रेनिंग लेनी होगी. DGCA का यह कदम चीन एयरलाइन द्वारा संचालित एक 737-800 विमान के पिछले महीने दक्षिण चीन में पहाड़ों में दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद आया है. इस हादसे में 132 लोग मारे गए थे.
इन एयरलाइंस के बेड़े में है बोइंग 737 विमान
स्पाइसजेट, विस्तारा और एयर इंडिया एक्सप्रेस जैसी भारतीय एयरलाइंस अपने बेड़े में बोइंग 737 विमान संचालित करती हैं. उन्होंने यह भी कहा कि नियामक चूक के लिए जिम्मेदार पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा.
साल 2019 में लगाई गई थी बोइंग 737 मैक्स विमानों पर रोक
बोइंग 737 मैक्स विमानों को भारत में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय द्वारा 13 मार्च 2019 से परिचालन पर रोक लगा दी गई थी. अदीस अबाबा के पास इथियोपियाई एयरलाइंस 737 मैक्स विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के तीन दिन बाद यह कदम उठाया गया था, जिसमें चार भारतीयों सहित 157 लोग मारे गए थे.
पिछले साल हटा था प्रतिबंध
पिछले साल अगस्त में यह प्रतिबंध हटाया गया था, जब डीजीसीए अमेरिका स्थित विमान निर्माता बोइंग के विमान में आवश्यक सॉफ्टवेयर सुधारों से संतुष्ट था. 27 महीने की अवधि के बाद मैक्स विमानों से प्रतिबंध हटाने के लिए डीजीसीए की शर्तों में सिम्युलेटर पर उचित पायलट ट्रेनिंग भी शामिल थी.