उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों के अंदर आई प्राकृतिक आपदा ने भारी तबाही मचाई है. राज्य में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन की अलग-अलग घटनाओं में काफी जान-माल का नुकसान हुआ है.
शुक्रवार को राज्य सरकार की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, उत्तराखंड में 17 से 19 अक्टूबर तक प्राकृतिक आपदा के कारण 79 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 24 लोग गंभीर रूप से घायल हैं. वहीं 3 लोग अभी भी लापता हैं.
आपको बता दें कि 17 तारीख से लेकर 19 तक उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों में भारी बारिश हुई, लेकिन इस बारिश से चमोली, नैनीताल, उत्तरकाशी और चंपावत जिला सबसे अधिक प्रभावित हुआ. प्राकृतिक आपदाओं के कारण सबसे अधिक मौत नैनीताल में 35 हुई हैं.
इसके अलावा अल्मोड़ा में 6, चंपावत में 11, बागेश्वर में 6, उधम सिंह नगर में 2, पौड़ी में 3, पिथौरागढ़ में 3, चमोली में 3 और उत्तरकाशी में 10 मौत हुई हैं. सरकार की रिपोर्ट में सामने आया है कि इस आपदा में पूरे राज्य में 232 घर ढह गए हैं. सबसे ज्यादा उधम सिंह नगर में घरों को नुकसान हुआ है.
राज्य के अधिकारियों ने बताया कि 19 अक्टूबर को चमोली जिले के एक गांव से कुछ दूरी पर बचावकर्मियों ने शवों को मलबे से बाहर निकाला है.
उन्होंने बताया कि दोनों अपने गांव के पास पीने के पानी की पाइप लाइन ठीक करने गए थे, तभी वे भूस्खलन के मलबे में दब गए. उनकी पहचान 48 वर्षीय भरत सिंह नेगी और 33 वर्षीय वीरेंद्र सिंह के रूप में हुई, जो डूंगरी गांव के रहने वाले थे.