प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत भारत सरकार मई और जून 2021 के लिए मुफ्त अनाज प्रदान करने का फैसला किया है. मई और जून 2021 के महीने में गरीबों को 5 किलो मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाएगा. करीब 80 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त अनाज दिया जाएगा. कोविड महामारी के बढ़ते प्रकोप के दौरान उनकी मदद करने के लिए यह फैसला लिया गया है.
अधिकारियों ने कहा कि करीब 80 करोड़ लोगों को दो महीनों के लिए प्रति माह प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि गरीबों के लिए प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिबद्धता के अनुरूप सरकार ने 80 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त अनाज देने का फैसला किया है जैसा कि पिछले साल लगाए गए लॉकडाउन के दौरान किया गया था. अधिकारियों ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का इस बात पर जोर है कि देश जब कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर का सामना कर रहा है तब यह जरूरी है कि गरीबों को पोषण सहायता मिले.
देश में प्रचलित COVID-19 स्थिति को देखते हुए इस पहल पर केंद्र 26,000 करोड़ रुपए से अधिक खर्च करेगा. यह घोषणा तब की गई है जब भारत कोरोनोवायरस के मोर्चे पर सभी ‘रिकॉर्ड’ को तोड़ रहा है. देश ने शुक्रवार को एक ही दिन में 3.32 लाख से अधिक नए कोरोना वायरस मामले दर्ज किए गए.
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 2,263 और लोगों की मौत होने के बाद मृतक संख्या 1,86,920 पर पहुंच गई है. देश में पिछले 24 घंटों में 3,32,730 नए मामले दर्ज किए गए. वहीं, 24,28,616 लोग अब भी इस बीमारी का इलाज करा रहे हैं जो संक्रमण के कुल मामलों का 14.93% है जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर गिरकर 83.92 प्रतिशत हो गई है. आंकड़ों के अनुसार 1,36,48,519 लोग स्वस्थ हो चुके हैं जबकि संक्रमण से होने वाली मृत्यु दर और घटकर 1.15 प्रतिशत हो गई है.
भारत में कोविड-19 के मामले सात अगस्त को 20 लाख के पार, 23 अगस्त को 30 लाख, पांच सितंबर को 40 लाख और 16 सितंबर को 50 लाख के पार चले गए थे. वहीं, 28 सितंबर को 60 लाख के पार, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवंबर को 90 लाख के पार और 19 दिसंबर को एक करोड़ के पार चले गए. 19 अप्रैल को भारत 1.50 करोड़ के गंभीर आंकड़े को पार कर गया.
देश में अब तक हुई 1,86,920 मौत में से सबसे ज्यादा 62,479 मौत महाराष्ट्र में हुई हैं. इसके बाद 13,885 मौत कर्नाटक में, 13,317 मौत तमिलनाडु में, 13,193 मौत दिल्ली में, 10,766 मौत पश्चिम बंगाल में, 10,541 मौत उत्तर प्रदेश में, 8,189 मौत पंजाब में और 7,541 मौत आंध्र प्रदेश में हुई हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि 70 प्रतिशत से अधिक मौत अन्य गंभीर बीमारियों के चलते हुई हैं.