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दिल्ली: तिहाड़ जेल में पिछले 8 दिनों में 5 कैदियों की मौत से मचा हड़कंप

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तिहाड़ जेल

दिल्ली की तिहाड़ जेल में पिछले 8 दिनों में 5 कैदियों की मौत से हड़कंप मचा हुआ है. हालांकि जेल प्रशासन इन्हें नेचुरल डेथ बताया जा रहा है. इसके साथ इन सभी मामलों की सेक्शन 176 सीआरपीसी के तहत मजिस्ट्रेट जांच की जा रही है.

जेल सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार को भी विक्रम उर्फ विक्की नाम के विचाराधीन कैदी की मौत हुई थी. वह जेल नंबर तीन में बंद था. इसको लेकर जेल प्रशासन का कहना है कि विक्‍की की खराब सेहत के चलते मौत हुई है.

विक्रम लूट, झपटमारी जैसे मामलों में जेल में बंद था. वहीं, जेल प्रशासन को वह 24 दिसंबर को सुबह के समय अपने सेल में अचेत अवस्था में मिला था. इसके बाद उसे अस्पताल में ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

वहीं, दिल्‍ली पुलिस के अधिका‌रियों का कहना है‌ ‌कि मृतक विक्‍की के शरीर पर किसी भी तरह के चोट के ‌निशान नहीं है. मौत के कारणों का खुलासा पोस्टमार्टम ‌रिपोर्ट से होगा. वहीं, पुलिस ने पिछले 8 दिनों में जेल में 5 कैदियों की मौत की बात कही है.

दिल्‍ली की तिहाड़ जेल को देश की सबसे सुरक्षित और सुविधायुक्‍त जेल माना जाता है, लेकिन पिछले 8 दिनों में 5 कैदियों की मौत से हड़कंप मचा हुआ है. वहीं, जेल सूत्रों का कहना है कि प्रशासन इस बात को लेकर चिंतित है, आखिर कैदियों की मौत क्‍यों हो रही है.

हालांकि ठंड को भी मौत का कारण बताया जा रहा है. वैसे जेल में ठंड से कैदियों को बचाने के लिए सेल व बैरक के दरवाजों पर पारदर्शी प्लास्टिक लगाई गयी है. इससे न सिर्फ हवा से बचाव हो रहा है बल्कि जेल प्रशासन की कैदियों पर नजर भी बनी रहती है. वहीं, इस समय जेल प्रशासन कैदियों की स्वास्थ्य जांच भी करा रहा है.

राजधानी दिल्ली की तिहाड़ जेल में एक कैदी पर दो अन्य कैदियों ने अपने वार्ड में बाल कटवाते समय कथित तौर पर नाई की कैंची से हमला हुआ था. जेल के अधिकारियों के अनुसार, घटना 10 दिसंबर को तिहाड़ के केंद्रीय कारागार संख्या आठ के भीतर हुई.

यह घटना उस वक्‍त हुई जब दो कैदियों ने अपने वार्ड में एक नाई से बाल कटवाने के दौरान अचानक नाई की कैंची से दूसरे कैदी पर हमला कर दिया. जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि खींचतान के दौरान पीड़ित और एक हमलावर घायल हो गए.

जेल कर्मचारियों ने उन्हें तुरंत अलग कर दिया. दोनों कैदियों की चोट गंभीर नहीं थी. घायल कैदियों को इलाज के लिए दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल भेजा गया, जहां से उन्हें उसी दिन छुट्टी दे दी गई थी.

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