मुंबई| देश में कोरोना वायरस संक्रमण की रफ्तार में कमी आती नहीं दिख रही है. इस बीच ऐसे युवाओं की देश में बड़ी संख्या है, जो ये मानते हैं कि युवाओं को कोरोना वायरस संक्रमण होने की आशंका बहुत कम होती है.
हालांकि आंकड़े कुछ और ही बयां कर रहे हैं. आंकड़ों पर गौर करें तो मुंबई के कई अस्पतालों में इस समय आईसीयू में कोरोना के कुल मामलों में करीब 30 फीसदी मरीज युवा हैं.
इनकी उम्र 40 साल से कम है. सितंबर में युवाओं में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 34 फीसदी बढ़े हैं. यह जानकारी मुंबई के टॉप डॉक्टर्स की ओर से सामने आई है.
अस्पतालों के अनुसार युवाओं के अंदर यह ट्रेंड देखने को मिल रहा है कि अगर उन्हें कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखते हैं तो भी वे डॉक्टर या अस्पताल से संपर्क करने के बजाय खुद ही इसकी दवा करते हैं. वे कोविड का टेस्ट तक नहीं कराते और जब परेशानी बढ़ जाती है तो वे अस्पताल भागते हैं.
मुंबई के डॉक्टरों के अनुसार कुल कोरोना मरीजों में से 31.15 फीसदी मरीज युवा हैं. कोविड 19 के कारण मरने वाले कुल लोगों में इनकी हिस्सेदारी करीब 4.76 फीसदी है.
आंकड़ों के अनुसार बृहन्मुंबई महानगर पालिका की ओर से मुंबई में संचालित बड़े कोविड 19 सेंटर में 25 फीसदी मरीज 40 साल से कम उम्र के हैं. बॉम्बे हॉस्पिटल में यह संख्या 30 फीसदी है. वहीं फोर्टिस हॉस्पिटल में यह आंकड़ा 16 फीसदी है.
बृहन्मुंबई महानगर पालिका की ओर से मुंबई में संचालित बड़े कोविड 19 सेंटर के डॉक्टर राजेश डेरे के अनुसार अब यह देखने को मिला है कि युवा मरीज डॉक्टरों के पास आने की बजाय घर पर ही दवा कर रहे हैं.
जब हालत बिगड़ती है तभी वे अस्पताल में भर्ती होते हैं. जब डॉक्टर उनकी जांच करते हैं तो उनमें से अधिकांश माइल्ड या मॉडरेट कैटेगरी से संक्रमित मिलते हैं.
साभार-न्यूज़ 18