सीबीएसई की इंटरमीडिएट की परीक्षाएं रद्द करने के लिए 12वीं कक्षा के लगभग 300 छात्रों ने सीजीआई एनवी रमना (CJI NV Ramana) को एक पत्र लिखा है. जिसमें छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट से सरकार को 12वीं परीक्षा ऑफलाइन कराने के लिए अपील की है. साथ ही ग्रेडिंग के लिए एक अलग योजना लागू करने का निर्देश देने के लिए कहा.
देश में कोरोना महामारी और ब्लैक फंगस जैसी गंभीर बीमारियां फैली हुई है. ऐसी विषम परिस्थिति को देखते हुए छात्रों ने कहा कि कोरोना काल में ऑनलाइन परीक्षाएं न कराई जाए. उन्होंने पत्र में लिखा है कि इससे न केवल छात्र-छात्राओं और टीचरों को खतरा है बल्कि उनसे जुड़े उन तमाम लोगों को भी संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. ऐसे परिस्थिति में हम सभी के लिए यह तनाव भरी बात है.
“इस महामारी में ऑनलाइन परीक्षाएं कराना एक तरह से अव्यवहारिक कदम है. यदि परीक्षाएं होती है, तो इससे छात्र-छात्राओं, टीचरों, अभिभावक और उनके जुड़े स्टाफ पर संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा.” वहीं सूत्रों के मुताबिक सीबीएसई बारहवीं कक्षा की परीक्षा आयोजित होने की संभावना है और इसकी तारीख और फॉर्मेट का ऐलान केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक 30 मई को करेंगे.
जानकारी के मुताबिक पूरे देश में इस साल सीबीएसई की बारहवीं की परीक्षा देने वाले छात्रों की संख्या 14 लाख से ज्यादा है. वहीं सभी स्टेट बोर्डों को मिलाकर कुल छात्रों की संख्या डेढ़ करोड़ से भी अधिक है. वहीं शिक्षा मंत्रालय ने अपनी हाई-लेवल मीटिंग में राज्यों को CBSE 12वीं कक्षा की परीक्षा आयोजित कराने को लेकर लिखित सुझाव देने के लिए मंगलवार तक समय दिया था.
राज्यों के सामने दो विकल्प रखे थे जिनमें से किसी एक का उन्हें चुनाव करना था. पहले विकल्प में था कि अगस्त में प्रमुख 19 विषयों की पूरी पारंपरागत परीक्षा आयोजित कराई जाए.वहीं दूसरे विकल्प में था कि परीक्षा 15 जुलाई से 5 अगस्त तक 90 मिनट की कराई जाए और प्रमुख विषयों से तीन विषय और एक भाषा का पेपर हो. इन दोनों विकल्पों के तहत होने वाली परीक्षा के नतीजे सितंबर अंत तक जारी किए जाने को प्रस्तावित हैं.