रायपुर| इस साल के अब तक के सबसे बड़े नक्सली हमले में छत्तीसगढ़ के बीजापुर में कम से कम 22 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए हैं और 20 से अधिक घायल हैं. यह मुठभेड़ पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) के 300 सदस्यीय दल और सुरक्षाबलों के बीच शनिवार को हुई थी.
हालांकि सुरक्षाकर्मियों की पहचान की पुष्टि अभी तक नहीं की गई है लेकिन राज्य पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) दोनों ने कहा है कि एक बड़े तलाशी अभियान में 22 शव बरामद किए जा चुके हैं. इन 22 सुरक्षाकर्मियों में से 9 सीआरपीएफ के हैं, जबकि बाकी राज्य पुलिस के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के हैं.
सुरक्षाकर्मियों के 22 शवों में से 5 को शनिवार को बरामद किया गया था और 17 से अधिक शवों को सीआरपीएफ, डीआरजी और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने रविवार तड़के बड़े पैमाने पर चलाए गए तलाशी अभियान के दौरान बरामद किया था. बता दें कि तलाशी और बचाव अभियान अभी भी जारी है.
नक्सलियों और सीआरपीएफ के एलीट कोबरा (कमांडो बटालियन फॉर रेजोल्यूट एक्शन यूनिट) और छत्तीसगढ़ पुलिस की डीआरजी और एसटीएफ की संयुक्त टीम के बीच 9 घंटे तक चली गोलाबारी और ऑपरेशन समाप्त के होने के बाद से सीआरपीएफ के 7 जवान सहित 17 सुरक्षाकर्मी लापता थे.
अब 20 घायल सुरक्षाकर्मी खतरे से बाहर हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
अधिकारियों ने पुष्टि की कि तारेम पुलिस स्टेशन के तहत तेकुलगुडेम गांव के पास नक्सलियों के कम से कम 2 शव घटनास्थल देखे गए हैं, जहां शनिवार दोपहर को एक घने जंगल में गोलीबारी शुरू हुई थी. नक्सलियों को भी भारी नुकसान होने की खबर है.
मौके से प्राप्त ताजा जानकारी साझा करते हुए, सीआरपीएफ के महानिरीक्षक (संचालन) सी. जी. अरोड़ा ने कहा घटनास्थल से अब तक कुल 22 सुरक्षाकर्मियों के शव बरामद किए गए हैं.
अरोरा ने आगे बताया, “इसके अलावा, शनिवार को बरामद किए गए 5 शवों और अन्य 17 शवों की पहचान नहीं हो सकी है. तलाशी अभियान अभी भी जारी है.”
मुठभेड़ में बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों के मारे जाने को लेकर अधिकारी ने कहा है कि जहां हमला हुआ वह एक घना जंगली वाला इलाका था और नक्सलियों का क्षेत्र था.
उधर छत्तीसगढ़ में हुए इस बड़े नक्सली हमले को देखते हुए केंद्रीय मंत्री अमित शाह असम में अपने चुनाव प्रचार अभियान को बीच में ही छोड़कर दिल्ली लौट रहे हैं. इसे लेकर शाह ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से फोन पर भी बात की है और घटना के बारे में विस्तृत चर्चा की है.
बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री को मुठभेड़ की जमीनी हकीकत से अवगत कराया है.