अयोध्या| राम जन्मभूमि परिसर के अस्थाई मंदिर में विराजमान रामलला 500 वर्षों के बाद पहली बार चांदी के झूले में झूला झूलेंगे. 21 किलो के चांदी का यह शानदार झूला रामलला के दरबार में पहुंच चुका है.
दरअसल 500 वर्षों बाद पहली बार सावन माह के दौरान यहां झूला उत्सव का आयोजन किया जा रहा है. इस परंपरा के तहत भगवान राम, जो वर्षों से टेंट में विराजमान रहे हैं उन्हें विशेष झूले पर झुलाया जाता है. इससे पहले जब कोर्ट का निर्णय नहीं आया था तब तक रामलला को लकड़ी के झूले में झुलाया जाता था.
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने इस संबंध में ट्वीट करते हुए कहा, ‘श्रावण शुक्ल तृतीया (11.8.21 ) से अयोध्या में झूला मेला प्रारम्भ हुआ. मन्दिरों में भगवान को झूले पर रक्षा बन्धन पर्व तक झुलाया जायेगा, गीत सुनाये जाएँगे.
रामलला के लिये चाँदी का 21 किलो का झूला बनवाया है, जो प्रभु को समर्पित कर दिया है.’ इससे पहले सोमवार से अयोध्या जी में श्रीराम मंदिर निर्माण कार्य भक्तों को दिखाने की व्यवस्था शुरू कर दी गई थी. भगवान विराजमान अस्थाई मंदिर दर्शन मार्ग पर यह व्यवस्था की गयी है.
21 किलो के झूले की खासियत यह है कि यह पूरी तरह चांदी से तैयार है और डोरी सहित इसमें सबकुछ चांदी का है. श्रावण शुक्ल पंचमी से भगवान रामलला को झूले पर विराजमान करने के साथ ही झूला उत्सव शुरू होगा और 22 अगस्त को पूर्णिमा के दिन यह समाप्त होगा.
आपको बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 500 वर्षों तक संघर्ष चला था. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद 5 अगस्त 2020 को पीएम मोदी ने शिला पूजन कर भव्य राम मंदिर के निर्माण की आधारशिला रखी थी. इसके साथ ही अयोध्या में भगवान राम से जुड़े सभी उत्सव मनाए जाने का रास्ता भी साफ हो गया था.