इन दिनों चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में नीतीश कुमार के खिलाफ बगावती तेवर के बाद अकेले चुनाव मैदान में उतरी एलजेपी महज एक सीट ही जीत सकी थी.
हालांकि, पार्टी के विधायक राजकुमार सिंह ने पिछले दिनों जेडीयू का दामन थाम लिया. जिसके बाद बिहार विधानसभा में पार्टी का प्रतिनिधित्व समाप्त हो गया. इस बीच खबर है कि चिराग पासवान को फिर तगड़ा झटका लग सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि एलजेपी के 14 नेता पार्टी छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक, बिहार चुनाव के दौरान दूसरे दलों को छोड़कर एलजेपी में आए 14 दिग्गज नेता जल्द ही पार्टी छोड़ने पर विचार कर रहे हैं. ये चर्चा इसलिए शुरू हुई क्योंकि ये नेता इस साल 28 फरवरी को पटना में आयोजित पार्टी की बैठक में शामिल नहीं हुए थे.
जिसके बाद इन नेताओं को पार्टी आलाकमान ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था. एलजेपी प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष राजू तिवारी ने कहा कि कुछ नेताओं ने कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया है.
पार्टी ने इन नेताओं को जारी किया कारण बताओ नोटिस
शो-कॉज हासिल करने वाले अधिकांश उम्मीदवार पहले भाजपा के साथ थे. इनमें राजेंद्र प्रसाद सिंह (दिनारा), ललन कुमार (तेघड़ा), रामशरण प्रसाद (केसरिया), रामचंद्र सदा (अलौली), चंद्रबली ठाकुर (विभूतिपुर), मोना प्रसाद (कल्याणपुर), प्रदीप कुमार (कस्बा), बिभाश चंद्र चौधरी (बरबरी), चंद्र भूषण ठाकुर (कड़वा) और परमानंद ऋषिदेव (रानीगंज) शामिल हैं.
हैरानी की बात ये है कि इन नेताओं में कई नाम ऐसे भी हैं जिन्हें विधानसभा चुनाव में अच्छा-खासा वोट भी मिला था. इन नेताओं अपनी पार्टी में टिकट नहीं मिलने के बाद बगावती तेवर अख्तियार किया था. इसके बाद उन्होंने एलजेपी का दामन थामते हुए पार्टी के चुनाव चिन्ह पर दावेदारी की थी. हालांकि, चुनाव में उन्हें जीत नहीं मिल सकी और एलजेपी भी उम्मीद के मुताबिक सफलता हासिल करने में असफल रही. ऐसे में ये नेता बेहतर संभावनाओं के मद्देनजर एक बार फिर अपनी पार्टी में लौटने की योजना बना रहे हैं.
एलजेपी छोड़ने की तैयारी कर रहे एक नेता ने कहा कि हम अपनी पुरानी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से ग्रीन सिग्नल का इंतजार कर रहे हैं. अगर पार्टी की ओर से फैसला लिया गया तो हम फिर अपने दल में वापसी कर लेंगे. लोजपा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, बिहार चुनाव में दावेदारी करने वाले 135 पार्टी उम्मीदवारों में 14 नेता चिराग पासवान की अध्यक्षता में हुई बैठक में शामिल नहीं हुए थे. जिसके बाद पार्टी ने उनसे बैठक में शामिल नहीं होने के लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
वहीं, इस मुद्दे पर बीजेपी नेताओं ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी. पूरे मामले में राजनीतिक विश्लेषकों ने कहा कि बीजेपी इन नेताओं को जल्दबाजी में पार्टी में शामिल करके अपने गठबंधन सहयोगी जेडीयू को नाराज नहीं करना चाहती. यही वजह है कि पार्टी सोच-विचार के बाद ही इस पर फैसला करेगी.