बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीति दलों ने कमर कस ली है और कार्यकर्ताओं को एक्टिव करने के साथ ही वोटरों को लुभाने वाले मुद्दों को लपकने की होड़ भी शुरू हो गई है.
इसी क्रम में राजद की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने बड़ा ऐलान किया है और कहा कि सरकार बनने के बाद पहली ही कैबिनेट में पहली कलम से बिहार के 10 लाख युवाओं को नौकरी देंगे.
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में 4 लाख 50 हज़ार रिक्तियाँ पहले से ही है.
शिक्षा, स्वास्थ्य, गृह विभाग सहित अन्य विभागों में राष्ट्रीय औसत के मानकों के हिसाब से बिहार में अभी 5 लाख 50 हज़ार नियुक्तियों की अत्यंत आवश्यकता है.
तेजस्वी यादव ने कहा कि हमने 5 अगस्त को बेरोजगारी को लेकर एक पोर्टल बनाया था, इसमें 9 लाख 47,324 हजार बेरोजगारों ने रजिस्टर किया है.
उन्होंने कहा कि 13 लाख 11626 लोगों ने मिस कॉल किया है और हमारी पार्टी बेरोजगारी को लेकर गंभीर है.
गौरतलब है कि तेजस्वी यादव बहुत पहले से रोजगार के मुद्दे पर नीतीश सरकार को घेरते रहे हैं उन्होंने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि युवाओं के नौकरी देने के नाम पर ठगा गया, उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार में बिहार 26 वें नंबर पर है.
राज्य में निवेश और उद्योग लगाने में बिहार सबसे फिसड्डी राज्य है.
उदारीकरण के बाद 15 वर्षों से सत्ता सम्भाल रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए सरकार इन आँकड़ो पर बात क्यों नहीं करते?