हाथरस मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. कि आरोपी और पीड़ित परिवार के बीच फोन पर खूब बातें होती थीं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर 2019 और मार्च 2020 के बीच दोनों परिवारों के लोगों के बीच 100 से ज्यादा फोन कॉल हुई हैं.
ये बातचीत लंबी-लंबी हैं. पुलिस सूत्रों से जानकारी मिली है कि मार्च 2020 के बाद और वारदात के समय तक पीड़िता का भाई और मुख्य आरोपी संपर्क में थे और वो एक-दूसरे से बात कर रहे थे. फोन के अलावा भी दोनों के बीच बातचीत हो रही थी.
जातीय हिंसा की साजिश में पीएफआई के 4 लोग गिरफ़्तार हुए हैं. अब तक 15 लोग गिरफ्तार, 20 धाराओं में एफआईआर दर्ज़ की गई.
पीड़िता से जुड़ी अफवाह फैलाने के सबूत मिले. रेप, गैंगरेप, जीभ काटने जैसी अफवाह फैलाई गई. मीडिया के एक हिस्से ने जानबूझकर अफवाह फैलाई.
वहीं हाथरस केस से जुड़े पीएफआई के 4 संदिग्ध गिरफ़्तार किए गए हैं. भड़काऊ वेबसाइट से जुड़े होने के सुराग मिले. ऐसे में प्रवर्तन निदेशालय (ED) दंगे की साजिश के मामले में विदेशी फंडिंग की जांच करेगी.