महाशिवरात्रि शिव भक्तों के लिए एक बड़ा पर्व होता है, जिसका पूरे वर्ष इंतजार किया जाता है. फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाता है. इस दिन देवों के देव महादेव की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना होती है.
इस दिन ही भगवान सदाशिव निराकार ब्रह्म से शिवलिंग स्वरूप में प्रकट हुए थे. भगवान शिव की पूजा के लिए हर माह मासिक शिवरात्रि भी मनाई जाती है, जो हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को होती है.
महाशिवरात्रि और प्रदोष व्रत साथ
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र का कहना है कि इस बार महाशिवरात्रि का दिन बड़ा ही खास है क्योंकि यह शनिवार के दिन है और उस दिन शनि प्रदोष का व्रत भी होगा. एक व्रत से आप प्रदोष और महाशिवरात्रि व्रत के पुण्य लाभ को प्राप्त कर सकते हैं.
कब है महाशिवरात्रि?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, 18 फरवरी को रात 08:02 बजे से फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि लग रही है और यह अगली सुबह 19 फरवरी को शाम 04:18 बजे समाप्त हो रही है. निशिता काल पूजा मुहूर्त के आधार पर महाशिवरात्रि 18 फरवरी शनिवार को है.
महाशिवरात्रि पूजा मुहूर्त 2023
महाशिवरात्रि की निशिता काल पूजा मुहूर्त 12:09 बजे से देर रात 01:00 बजे तक है. महाशिवरात्रि पर प्रात:काल से ही शिव पूजा होती है, लेकिन 18 फरवरी को सुबह 08:22 बजे से 09:46 बजे तक शुभ उत्तम मुहूर्त है. लाभ उन्नति मुहूर्त दोपहर 02:00 बजे से दोपहर 03:24 बजे तक है. अमृत सर्वोत्तम मुहूर्त दोपहर 03:24 बजे से शाम 04:49 बजे तक है. दिन में आप इन मुहूर्तों में पूजा कर सकते हैं.
महाशिवरात्रि की पूजा विधि
इस दिन आप प्रात: स्नान करके साफ कपड़े पहन लें. फिर किसी शिव मंदिर में शिवलिंग का जलाभिषेक करें. ओम नम: शिवाय मंत्रोच्चार से शिव जी को बेलपत्र, अक्षत्, दूध, फूल, चंदन, शहद आदि अर्पित करें. उसके बाद शिव चालीसा का पाठ करें. पूजा का समापन शिव जी की आरती से करें. जो लोग व्रत रहेंगे, वे फलाहार करेंगे और रात्रि में जागरण करेंगे. अगले दिन सुबह पारण करके व्रत को पूरा करेंगे.
महाशिवरात्रि व्रत का पारण
19 फरवरी को महाशिवरात्रि व्रत का पारण प्रात: 06:59 बजे से किया जा सकता है. इस दिन पारण का समापन दोपहर 03:24 बजे होगा.