कल अक्षय तृतीया है । इस पावन पर्व पर यमुनोत्री के धाम के कपाट खोले जाने की तैयारियां शुरू हो गई है। शुक्रवार 14 मई को अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर सुबह 9:15 बजे शनिदेव की डोली की अगुवाई में मां यमुना की डोली शीतकालीन प्रवास खुशीमठ से यमुनोत्री धाम के लिए प्रस्थान करेगी। जो 11 बजे यमुनोत्री धाम पहुंचेगी।
धाम में विधिवत पूजा अर्चना के बाद अभिजीत मुहूर्त पर कर्क लग्न में दोपहर 12:15 बजे परंपरा अनुसार वैदिक मंत्रोच्चार के साथ श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ यमुनोत्री धाम के कपाट खोले दिए जाएंगे। जिसके बाद आगामी ग्रीष्मकाल के 6 माह तक देश-विदेश से आने वाले तीर्थयात्री मां यमुना के दर्शन यमुनोत्री धाम में कर सकेंगे।
इसके लिए यमुनोत्री मंदिर समिति, पंच पंडा समिति एवं यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों सहित खरसाली के ग्रामीणों ने तैयारियों शुरू कर दी है। बता दें कि कोरोना काल बीतने के बाद चारधाम यात्रा शुरू होने पर तीर्थयात्री यमुनोत्री धाम की सुगम यात्रा कर सकेंगे। बीते साल भिडियालीगाड़ के पास भूस्खलन से तबाह हुए यमुनोत्री धाम के पैदल रास्ते का बाईपास तैयार कर दिया है। बाईपास में पक्के पैदल मार्ग के साथ ही पुल का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। बीते साल 11 सितंबर को भिडियालीगाड़ के पास हुए भारी भूस्खलन से जानकीचट्टी-यमुनोत्री पैदल मार्ग पर बना पुल और करीब 150 मीटर रास्ता ध्वस्त हो गया था।
कोविड महामारी के चलते सरकार ने इस बार चारधाम यात्रा स्थगित कर दी है। वहीं गंगोत्री धाम के कपाट 15 मई को खुलेंगे। अक्षय तृतीय, मिथुन लग्न की शुभ बेला पर विधिवत पूजा अर्चना के साथ सुबह 7:30 पर श्रद्धालुओं के दर्शनाथ कपाट खोल दिये जायेंगे।
पवित्र धाम के कपाट खोलने के लिए 14 मई को अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा गांव से सुबह 11:45 बजे मां गंगा की उत्सव डोली गंगोत्री धाम के लिए रवाना होगी।