उत्‍तराखंड

Relief Expected : उत्तराखंड के इस बैराज में घटने लगा यमुना का पानी, दिल्ली में राहत की उम्मीद

डाकपत्थर बैराज से यमुना नदी में लगातार छोड़े जा रहे पानी की मात्रा धीरे-धीरे कम हो रही है। इससे दिल्ली में बाढ़ की स्थिति से राहत मिलने की उम्मीद जगी है। वहीं, पानी कम होने से यमुना पर बनी 120 मेगावाट की ब्यासी जलविद्युत परियोजना में बिजली का उत्पादन भी शुरू हो गया है।

बृहस्पतिवार को डाकपत्थर बैराज से 60 हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज यमुना नदी में किया गया। जबकि, पानी की यह मात्रा पिछले पांच दिनों से एक लाख क्यूसेक को पार करके दो लाख क्यूसेक तक पहुंच रही थी। पानी का लेवल कम होने से यह उम्मीद लगाई जा रही है कि दिल्ली में बढ़ रहे यमुना के जलस्तर में भी कमी आएगी। उधर, उत्तरकाशी जनपद में भागीरथी और यमुना का जलस्तर स्थिर है। जबकि, यमुना की सहायक टोंस नदी का जलस्तर खतरे से निशान से घटकर चेतावनी स्तर पर आ गया है।

यमुना नदी पहाड़ों से होकर डाकपत्थर में मैदान में उतरती है। इसी स्थान पर सहायक नदी टोंस यमुना में मिल जाती है। दोनों नदियों का पानी डाकपत्थर बैराज में एकत्र होता है। बैराज की पानी रोकने की क्षमता 50 हजार क्यूसेक है। इससे अधिक जमा होने वाले पानी को बैराज के 25 गेट के जरिये यमुना नदी में डिस्चार्ज कर दिया जाता है। बैराज के गेट में लगे सेंसर से हर आधे घंटे में निकले पानी की रिपोर्ट ली जाती है। 24 घंटे के बाद कुल 48 बार ली गई रिपोर्ट से पानी का अनुमान लगता है।

इस संबंध में जलविद्युत निगम के एपीआरओ विमल डबराल ने बताया कि यमुना में पानी की मात्रा काफी अधिक थी जो अब नियंत्रित होती दिख रही है। इससे जलस्तर पर काफी फर्क पड़ेगा। पानी में सिल्ट की मात्रा भी कम हुई है। इससे ब्यासी परियोजना से बिजली का उत्पादन शुरू हो गया है।

Exit mobile version