मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद आज का नहीं है. यह लंबे समय में चला आ रहा है. इस विवाद में भी ज्ञानवापी मस्जिद मामले के ही तरह याचिका कोर्ट में दाखिल है. इसी बीच मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर और शाही ईदगाह मस्जिद का विवाद भी चर्चा में आ गया है. बता दें कि मथुरा विवाद में भी स्थानीय अदालत में एक वाद दायर किया गया है, जिसमें ईदगाह मस्जिद का सर्वे कराने की मांग की गई है.
लेकिन ये विवाद है क्या?
- इस पूरे विवाद की कहानी 1670 से शुरू होती है. मुगल शासक औरंगजेब ने 1670 में मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान को ध्वस्त करने का फरमान जारी किया. जिस मंदिर को ध्वस्त किया गया, उसे 1618 में बुंदेला राजा यानी ओरछा के राजा वीर सिंह बुंदेला ने 33 लाख मुद्राओं में बनवाया था.
- मुगल दरबार आने वाले इटालियन यात्री निकोलस मनुची ने अपनी किताब ‘Storia do Mogor’ यानी ‘मुगलों का इतिहास’ में बताया है कि कैसे रमजान के महीने में श्रीकृष्ण जन्मस्थान को ध्वस्त किया गया और वहां ईदगाह मस्जिद बनाने का फरमान जारी हुआ.
- मुगलों का राज होने की वजह से यहां हिंदुओं के आने पर रोक लगा दी गई. नतीजा ये हुआ कि 1770 में गोवर्धन में मुगलों और मराठाओं में जंग हुई. इसमें मराठाओं की जीत हुई. इसके बाद वहीं पर मराठाओं ने फिर से मंदिर का निर्माण किया.