कर्नाटक के प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री बी सी नागेश ने हिजाब विवाद पर परीक्षा छोड़ने वाली छात्राओं के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित करने से इनकार किया और कहा कि परीक्षा में अनुपस्थित रहने वाले छात्रों के लिए इस तरह का कोई नियम नहीं है.
उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस के एक सवाल पर कहा, ‘हाई कोर्ट ने जो भी कहा है, हम उसका पालन करेंगे. परीक्षा में अनुपस्थित रहना प्रमुख कारक होगा, कारण नहीं. चाहे वो हिजाब विवाद या तबीयत खराब या उपस्थित रहने में असमर्थता हो या परीक्षा के लिए पूरी तैयारी नहीं होने की वजह से हो. अंतिम परीक्षा में अनुपस्थित रहने का मतलब है अनुपस्थित रहना और दोबारा परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी. केवल उन्हीं छात्रों को पूरक परीक्षा देने का अवसर दिया जाएगा जोकि परीक्षा में पास नहीं हो सके.’
क्या था मामला ?
कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा स्कूलों में यूनिफार्म ही पहनने का फैसला देने के बाद राज्य के एक कॉलेज की 35 छात्राओं ने परीक्षा का बहिष्कार कर दिया. और वे परीक्षा हॉल से बाहर आ गईं. ये छात्राएं कॉलेज में हिजाब पहनकर ही परीक्षा देने पहुंची थीं.
छात्राओं ने कहा है कि वे अपने अभिभावकों से चर्चा करने के बाद तय करेंगी कि वे बगैर हिजाब के कक्षा में हाजिर होंगे या नहीं. एक छात्रा ने यह भी कहा कि हम हिजाब पहनकर ही परीक्षा देंगे और यदि इसे उतारने को कहा गया तो परीक्षा नहीं देंगे.