नेपाल की राजधानी काठमांडू में मार्च 2025 को आयोजित एक रैली में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीरों के प्रदर्शन ने विवाद को जन्म दिया। यह रैली नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह के स्वागत के लिए आयोजित की गई थी, जिसमें उनकी वापसी और राजतंत्र की बहाली की मांग उठाई गई।
रैली में योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें दिखाने से नेपाल सरकार और राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गईं। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के समर्थकों ने इसे भारत की कथित भूमिका के रूप में देखा, जिससे रैली की विश्वसनीयता पर सवाल उठे।
योगी आदित्यनाथ और नेपाल के पूर्व राजपरिवार के बीच ऐतिहासिक संबंध हैं। गोरखपुर के गोरक्षपीठ और नेपाल के शाह वंश के बीच लंबे समय से संबंध रहे हैं, जो इस विवाद का एक संभावित कारण हो सकता है।
रैली में योगी की तस्वीर दिखाने वाले व्यक्ति, प्रदीप विक्रम राणा, ने दावा किया कि नेपाल सरकार द्वारा उत्पीड़न के कारण उन्हें भारत भागना पड़ा। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने किसी के कहने पर योगी की तस्वीर नहीं लहराई और न ही उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानते हैं।